प्रधानमंत्री मोदी ने उज्ज्वला जैसी योजनाओं से जिन महिलाओं को अपनी मुरीद बना लिया था क्या उन्हें अब केजरीवाल ने एक झटके में अपनी तरफ़ कर लिया है? दिल्ली चुनाव में जहाँ प्रधानमंत्री मोदी की पार्टी बीजेपी को 35 फ़ीसदी महिलाओं ने अपनी पसंद बताया वहीं केजरीवाल की आप को 60 फ़ीसदी महिलाओं ने। केजरीवाल को महिलाओं को इतना ज़बरदस्त समर्थन कैसे मिला? इसका मतलब क्या है? क्या प्रधानमंत्री मोदी का करिश्मा महिलाओं में ख़त्म हो रहा है? क्या प्रधानमंत्री मोदी की जगह अरविंद केजरीवाल ले रहे हैं?