जबकि दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई थी कि अस्थाना की नियुक्ति को रद्द कर दिया जाना चाहिए। राकेश अस्थाना के बारे में कहा जाता है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नज़दीकी हैं।
प्रकाश सिंह के मामले में फ़ैसला
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मार्च, 2019 के प्रकाश सिंह वाले मामले में अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई भी अफ़सर जिसके रिटायरमेंट में 6 महीने से कम का वक़्त बचा हो, उसे किसी भी राज्य में पुलिस का प्रमुख नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए। अस्थाना 1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अफ़सर हैं और वह सीबीआई प्रमुख की दौड़ में भी थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट के उपरोक्त फ़ैसले के कारण इस दौड़ से बाहर हो गए थे।
सीबीआई के निदेशक रह चुके राकेश अस्थाना को बीएसएफ़ के महानिदेशक पद से सेवानिवृत्त होने से तीन दिन पहले ही दिल्ली पुलिस का कमिश्नर बनाया गया था।
कांग्रेस, आप ने किया था विरोध
राकेश अस्थाना की नियुक्ति का कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने विरोध किया था। दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी ने विधानसभा में अस्थाना की नियुक्ति के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास किया था। प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय अस्थाना की नियुक्ति का प्रस्ताव वापस ले। बता दें कि दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आती है। जबकि कांग्रेस ने पूछा था कि अस्थाना के पास आख़िर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के ख़िलाफ़ क्या है?