क्या प्रधानमंत्री मोदी के लिए छठ पूजा पर कृत्रिम यमुना बनाई गई है। ऐसा फोटो पूर्व मंत्री और आप के नेता सौरभ भारद्वाज ने जारी किया है। छठ पूजा के मौके पर दिल्ली के प्रदूषण का मामला गरमाया हुआ है। बीजेपी और आप के बीच जबरदस्त बयानबाजी हो रही है।
पीएम मोदी की छठ पूजा के लिए अलग से कृत्रिम यमुना। फोटो पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज के एक्स हैंडल से।
एक बार फिर दिल्ली की राजनीति में छठ पूजा विवाद का केंद्र बन गई है, जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) यमुना घाटों पर व्यवस्थाओं को लेकर भिड़ गए हैं। यह विवाद मंगलवार, 28 अक्टूबर को उत्तर दिल्ली के वासुदेव घाट पर पीएम नरेंद्र मोदी की छठ पूजा में भागीदारी की योजना से पहले उभरा है। बिहार चुनाव की वजह से पीएम मोदी की छठ पूजा भी खास इवेंट हो गई है।
आप का आरोप: पीएम के लिए "कृत्रिम यमुना"
आप ने दिल्ली की बीजेपी सरकार पर वासुदेव घाट पर "कृत्रिम यमुना" बनाने का आरोप लगाया है, जहां एक कृत्रिम तालाब को शुद्ध पानी से भरा गया है ताकि प्रधानमंत्री वहां अपनी औपचारिक डुबकी लगा सकें। आप नेताओं का दावा है कि जहां प्रधानमंत्री इस विशेष रूप से तैयार तालाब में प्रार्थना करेंगे, वहीं आम भक्तों को प्रदूषित नदी में उतरने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
आप ने एक वीडियो जारी कर इस असमानता को उजागर किया, जिसमें दावा किया गया कि अन्य घाटों पर उच्च फीकल कोलीफॉर्म स्तर के कारण गंभीर स्वास्थ्य जोखिम हैं। विपक्ष की नेता आतिशी ने इस स्थिति को "खुला भेदभाव" बताया, जबकि भारद्वाज ने यमुना प्रदूषण पर बीजेपी नेताओं को खुली बहस की चुनौती दी।
बीजेपी का सौरभ भारद्वाज को जवाब
आप के आरोपों का जवाब देते हुए दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इन्हें "बेबुनियाद राजनीतिक नाटक" बताकर खारिज कर दिया। उन्होंने विपक्ष पर शासन की नाकामियों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी हताशा चुनावी हार से उपजी है। सचदेवा ने व्यवस्थाओं का बचाव करते हुए कहा कि बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार ने भक्तों के लिए "अभूतपूर्व व्यवस्थाएं" सुनिश्चित की हैं, जिनमें स्वच्छ घाट, उचित रोशनी और सुरक्षा उपाय शामिल हैं। उन्होंने आप के रिकॉर्ड पर सवाल उठाते हुए पूछा कि उनके कार्यकाल में यमुना की सफाई के लिए आवंटित 6,500 करोड़ रुपये कहां गए।
सचदेवा ने कहा, "दिल्ली की जनता जानती है कि कौन सी पार्टी उनकी आस्था और संस्कृति के लिए सही मायने में काम करती है।" उन्होंने यह भी कहा कि प्रदूषण एक साल भर की समस्या है, न कि मौसमी राजनीतिक हथियार।
यमुना के प्रदूषण पर राजनीति
यह राजनीतिक बहस पर्यावरणीय चेतावनियों के साथ सामने आई है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पल्ला को छोड़कर शहर के अधिकांश हिस्सों में यमुना का पानी स्नान के लिए अयोग्य है। नदी में अमोनिया और जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) का स्तर उच्च है, जो गंभीर जैविक प्रदूषण का संकेत देता है।
बेहतर व्यवस्थाओं के दावों के बावजूद, नदी की स्थिति बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य क्षेत्रों से दिल्ली आने वाले भक्तों के लिए एक प्रमुख चिंता बनी हुई है, जो पवित्र नदी के तटों पर इस पर्व को मनाने आते हैं।
सौरभ भारद्वाज के सवालों से बीजेपी परेशान है। क्योंकि जो टीवी कैमरों से जो फोटो और वीडियो सामने आए हैं, उसे देखकर तो यही लग रहा है कि पीएम के मंगलवार को आने के मद्देनज़र विशेष व्यवस्था की गई है। सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को हमला तेज़ करते हुए कहा कि नक़ली माँ हो सकती है क्या? मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने वज़ीराबाद ट्रीटमेंट प्लांट से फ़िल्टर पानी लाकर नक़ली यमुना बना दी। यमुना तो माँ है, माँ भी कभी नक़ली होती है? प्रधानमंत्री मोदी को छींक ना आ जाए इसलिए नक़ली यमुना बना दी गई लेकिन गरीब पूर्वांचलियों के बच्चे मल वाला पानी पीकर मरते हैं तो मर जाएं, बस रेखा गुप्ता की मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं जानी चाहिए। बिहार चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी के लिए बना दी नक़ली यमुना।