अल्पसंख्यक आयोग ने पत्र में विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी हवाला दिया था। इसने लिखा है, "विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के लिए इसे अपूर्व घटना क़रार दिया है। डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन कार्यक्रम के निदेशक माइक रयान ने 6 अप्रैल को कहा था- देशों को धर्म या किसी अन्य मानदंडों के संदर्भ में कोरोना वायरस के मामलों को नहीं देखना चाहिए।"
पिछले हफ़्ते ही जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपील की थी कि वह केंद्र सरकार को निर्देश दे कि मुसलिमों के प्रति 'फ़ेक न्यूज़' को फैलने से रोके और इसके व नफ़रत फैलाने के लिए ज़िम्मेदार मीडिया और लोगों पर सख़्त कार्रवाई करे।