दलित आईपीएस अधिकारी वाई पुरन कुमार के परिवार ने पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार के लिए शर्तें रख दी हैं। परिवार ने कहा है कि पोस्टमार्टम और दाह संस्कार तभी किया जाएगा जब तक एफआईआर में संशोधन करके डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिरजानिया के नाम शामिल नहीं किए जाते। पुलिस ने आरोपियों के नाम न लिखकर सीधे यह लिखा है कि सुसाइड नोट में जो नाम हैं वो आरोपी हैं। जबकि पुरन कुमार की आईएएस पत्नी अमनीत पी कुमार ने अपनी लिखित शिकायत में डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिरजानिया के नाम लिखे थे। क्योंकि उनके पति ने भी कुल 8 अफसरों में इन दोनों का खासतौर पर उल्लेख किया था। इस मामले में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आश्वासन के बावजूद चुप्पी साध ली है। 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई पुरन कुमार ने चंडीगढ़ सेक्टर 11 स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी।