एयर चीफ़ मार्शल बी. एस. धनोआ ने कहा है कि हमले में मारे गए लोगों की ग़िनती करना वायुसेना का काम नहीं है। धनोआ के इस बयान के बाद भारतीय वायुसेना की ओर से पाक-अधिकृत कश्मीर के बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक में कितने आतंकी मारे गए हैं, इस पर सवाल खड़े हो गए हैं।
बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया था कि बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक में 250 से ज़्यादा आतंकी मारे गए हैं।
कोयंबटूर में सोमवार को हुई एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में धनोआ ने कहा, ‘बालाकोट की एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की संख्या के बारे में वायु सेना कुछ नहीं बता सकती है। इस बारे में सरकार ही कोई सही जानकारी दे सकती है।’ धनोआ ने कहा कि वायुसेना लक्ष्य पर निशाना लगा या नहीं इसकी ग़िनती करती है।
धनोआ ने कहा, ‘मेरे हिसाब से मुठभेड़ में पाकिस्तान ने अपना एक एफ़-16 लड़ाकू विमान खोया है।’ उन्होंने कहा कि अगर हम किसी लक्ष्य को निशाना बनाने की योजना बनाते हैं तो हम ऐसा ज़रूर करते हैं। वरना पाकिस्तान को हमें जवाब देने की क्या ज़रूरत थी।
कल ही केंद्रीय मंत्री एस. एस. आहलूवालिया ने कहा था, ‘मैं पूछना चाहता हूँ कि क्या प्रधानमंत्री, सरकार के किसी प्रवक्ता या बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आतंकियों के बारे में कोई आँकड़ा दिया है? जबकि भारतीय मीडिया रिपोर्टों में 300 से 350 आतंकियों के मारे जाने की ख़बर को प्रमुखता से दिखाया गया था।
एयर चीफ़ मार्शल धनोआ के इस बयान के बाद यह सवाल फिर उठ खड़ा हुआ है कि यह मनगढ़ंत आँकड़ा आख़िर आया कहाँ से?
भारतीय वायु सेना के हवाई हमले के कुछ ही समय बाद मृतकों की संख्या पर अलग-अलग रिपोर्टें आईं। बीबीसी, रॉयटर्स, न्यूयॉर्क टाइम्स और अल जज़ीरा जैसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी यही ख़बरें दीं कि इस हमले में जान-माल का जैसा कुछ नुक़सान नहीं हुआ है।
दिग्विजय, ममता ने उठाए थे सवाल
गोखले के बयान पर संशय
बता दें कि पुलवामा में हुए हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने 26 फ़रवरी को पीओके में आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के ठिकानों पर बम बरसाए थे। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से भी भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की गई थी। जिसका भारतीय वायुसेना ने कड़ा जवाब दिया था।
पाकिस्तानी विमानों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को मज़बूर होकर पीओके में उतरना पड़ा था। जिसके बाद पाकिस्तान ने उन्हें अपने क़ब्जे में ले लिया था। दो दिन बाद पाकिस्तान ने अभिनंदन को रिहा कर दिया था।