उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार महिला डॉक्टर पर आरोप है कि वह आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग तैयार करने की कोशिश कर रही थी। क्या भारत में जैश की नई साज़िश का पर्दाफाश हुआ है?
मसूद अजहर ने 'जमात-उल-मोमिनात' का गठन करवाया है।
फरीदाबाद में पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद यानी जेईएम के आतंकी मॉड्यूल की जाँच में एक नया सनसनीखेज खुलासा हुआ है। फरीदाबाद के जैश मॉड्यूल से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार लखनऊ की महिला डॉक्टर डॉ. शाहीन शाहिद को पाकिस्तान स्थित जेईएम के महिला विंग 'जमात-उल-मोमिनात' की ब्रांच को कथित तौर पर भारत में स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त जाँच में सामने आया है कि कथित तौर पर शाहीन जेईएम प्रमुख मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के नेतृत्व वाले इस विंग की भारतीय शाखा की प्रमुख थीं। गिरफ्तारी के बाद उनकी कार से राइफल और गोला-बारूद बरामद हुआ। यह 'व्हाइट कॉलर' आतंकवाद का एक और उदाहरण है, जहां डॉक्टर जैसे पढ़े-लिखे पेशेवर आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए गए।
लखनऊ से फरीदाबाद तक का कनेक्शन
डॉ. शाहीन शाहिद लखनऊ के लाल बाग इलाक़े की रहने वाली हैं और अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ी हुई हैं। 9-10 नवंबर की रात को हरियाणा पुलिस और जम्मू कश्मीर की पुलिस टीम ने उन्हें गिरफ्तार किया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि उनकी मर्सिडीज स्विफ्ट डिजायर कार का इस्तेमाल हथियारों को छिपाने के लिए किया जा रहा था। कार से एक एके क्रिंकोव राइफल, एक पिस्टल, दो खाली कारतूस और दो अतिरिक्त मैगजीन बरामद हुए। जम्मू कश्मीर पुलिस उनसे गहन पूछताछ कर रही है।
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि शाहीन का मुख्य सहयोगी पुलवामा का डॉ. मुजम्मिल गनी है, जो अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर था। मुजम्मिल को 9 नवंबर को गिरफ्तार किया गया, उसके किराए के कमरों से विस्फोटक सामग्री, 20 टाइमर, 84 लाइव कारतूस, एक एके-47 राइफल और 5 लीटर केमिकल सॉल्यूशन बरामद हुआ। यह सामान करीब 10 दिन पहले पहुंचा था। मुजम्मिल पर श्रीनगर में जेईएम के समर्थन में पोस्टर लगाने का भी आरोप है।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से डॉ. आदिल अहमद राठर को पहले गिरफ्तार किया गया, जिसकी पूछताछ से फरीदाबाद कनेक्शन मिला। कुल मिलाकर, सात संदिग्ध गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें तीन डॉक्टर शामिल हैं।
जमात-उल-मोमिनात क्या है?
जेईएम ने हाल ही में भारत में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए पहली बार महिलाओं का विंग 'जमात-उल-मोमिनात' गठित किया। इसका ऐलान अक्टूबर में पाकिस्तान के बहावलपुर के मर्कज उस्मान-ओ-अली में किया गया। भर्ती 8 अक्टूबर से शुरू हुई। इस विंग का नेतृत्व मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर कर रही है। सादिया का पति यूसुफ अजहर कंधार अपहरण का मास्टरमाइंड था। यूसुफ को कथित तौर पर 7 मई को भारत की 'ऑपरेशन सिंदूर' में मार गिराया गया था।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि यह विंग जेईएम कमांडरों की पत्नियों और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को भर्ती कर रहा है जो बहावलपुर, कराची, मुजफ्फराबाद, कोटली, हरिपुर और मंसहरा जैसे केंद्रों में पढ़ रही हैं। शाहीन को भारत में इसकी शाखा खड़ी करने और भर्ती का जिम्मा दिया गया था। एनआईए के अनुसार जेईएम को 'ऑपरेशन सिंदूर' से बड़ा झटका लगा था इसलिए यह विंग फिर से खड़ा होने का प्रयास है। रिपोर्टों में यह भी आरोप लगाया गया है कि शाहीन के संपर्क पाकिस्तान स्थित जेईएम और अंसार गजवात-उल-हिंद यानी एजीयूएच से थे और मॉड्यूल उत्तर प्रदेश, हरियाणा, जम्मू कश्मीर समेत कई राज्यों में हमले की साजिश रच रहा था।
लाल किले मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर शाम को कार में विस्फोट हुआ। इसमें 9 लोगों की मौत हुई और 24 घायल हुए। जांच में पता चला कि धमाके वाली हुंडई आई-20 कार पुलवामा के डॉ. उमर मोहम्मद ने चलाई थी, जो संभवतः सुसाइड बॉम्बर था।
परिवार की प्रतिक्रिया
लखनऊ में शाहीन के परिवार ने गिरफ्तारी पर सदमे का इजहार किया। पीटीआई के अनुसार शाहीन के पिता सैयद अहमद अंसारी ने बताया कि शाहीन तीन भाई-बहनों में दूसरी हैं। बड़ा भाई शोएब उनके साथ रहता है। शाहीन ने इलाहाबाद से एमबीबीएस किया और बाद में फरीदाबाद चली गईं। वह महाराष्ट्र के एक व्यक्ति से शादीशुदा हैं। परिवार ने कहा, 'हमें विश्वास ही नहीं हो रहा कि वह ऐसी साजिश में शामिल हो सकती हैं।' हालाँकि, जाँच एजेंसियाँ परिवार के संपर्कों की भी जांच कर रही हैं।
डॉ. शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी से जेईएम के भारत में महिलाओं के नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है, लेकिन यह चेतावनी भी है कि खतरा अभी बाकी है। फरीदाबाद मॉड्यूल का भंडाफोड़ बड़ी सफलता है, लेकिन लाल किले धमाके ने बढ़ते आतंकी खतरे को उजागर किया है।