सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) की इस दलील पर मुहर लगा दी कि आधार को भारतीय नागरिता के सबूत के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग अपनी जगह सही है कि आधार कार्ड को नागरिकता के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आधार कार्ड की प्रामाणिकता की जांच करना अनिवार्य है। चुनाव आयोग अदालत में कह चुका है कि आधार को नागरिकता के सबूत के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। दो प्रमुख अदालतों की एक ही दिन में एक जैसी टिप्पणी आई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को ही एक अन्य मामले में भी यही टिप्पणी की है।