पश्चिम बंगाल और असम में होने वाले विधानसभा चुनावों के ठीक पहले नरेंद्र मोदी सरकार समान नागरिकता क़ानून में संशोधन पारित करवाने की तैयारी कर रही है। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में मंगलवार को गृह मंत्रालय ने कहा कि सीएए में संशोधन लोकसभा में 9 अप्रैल तक और राज्यसभा में 9 जुलाई तक पारित करवाने का लक्ष्य रखा गया है। संसद ने 10 जनवरी 2020 को ही सीएए पारित कर दिया।
असम-बंगाल के विधानसभा चुनाव से पहले बनेंगे सीएए के नियम
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- 3 Feb, 2021
पश्चिम बंगाल और असम में होने वाले विधानसभा चुनावों के ठीक पहले नरेंद्र मोदी सरकार समान नागरिकता क़ानून में संशोधन पारित करवाने की तैयारी कर रही है।

सीएए
समान नागरिकता क़ानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान से आने वाले हिन्दू, बौद्ध, सिख, ईसाई, जैन और पारसियों को भारत की नागरिकता दी जा सकती है। इसमें मुसलमानों को जानबूझ कर छोड़ दिया गया है। इस कारण पूरे देश में इसका विरोध हुआ, दिल्ली समेत कई जगहों पर इसके ख़िलाफ़ आन्दोलन हुआ, जिसे केंद्र और राज्य सरकारों ने बुरी तरह कुचल दिया।