केंद्र सरकार ने दिल्ली के लाल क़िले के पास 10 नवंबर को हुई कार विस्फोट की घटना को 'घोर आतंकी कृत्य' करार दिया है। केंद्र की ओर से संभवत: पहली बार आधिकारिक तौर पर इसे आतंकवादी घटना माना गया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस घटना की कड़ी निंदा की गई और इस पर एक प्रस्ताव पारित किया गया। केंद्र ने इस घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों, उनके सहयोगियों और सरपरस्तों को न्याय के कठघरे में लाने का संकल्प लिया है।


सुरक्षा मामलों की एक उच्च-स्तरीय कैबिनेट समिति ने साफ़ तौर पर कहा कि 11 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास हुआ विस्फोट एक आतंकवादी घटना है। इस विस्फोट में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन अन्य घायल हो गए। इस महत्वपूर्ण सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की और इसमें गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य लोग शामिल हुए।

बैठक में हमले में मारे गए लोगों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया गया और पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रस्ताव को पढ़ते हुए कहा, 'देश ने 10 नवंबर को लाल किले के निकट कार विस्फोट के माध्यम से राष्ट्र-विरोधी ताकतों द्वारा किए गए एक घोर आतंकी कृत्य का सामना किया है।' 


प्रस्ताव में कहा गया कि मंत्रिमंडल हमले में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता है। इसमें चिकित्सा कर्मियों और आपातकालीन बचावकर्मियों के त्वरित प्रयासों की सराहना की गई, जिन्होंने संकट की घड़ी में पीड़ितों को तत्काल सहायता प्रदान की।

'आतंक के प्रति जीरो टॉलरेंस' 

प्रस्ताव में इस विस्फोट को नीच और कायरतापूर्ण कृत्य करार देते हुए आतंकवाद के हर रूप और अभिव्यक्ति के प्रति भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया गया। विश्व के विभिन्न देशों से मिले एकजुटता और समर्थन के संदेशों को भी मंत्रिमंडल ने स्वीकार किया। 


संकट के दौरान सुरक्षा एजेंसियों, अधिकारियों और नागरिकों के साहसिक व करुणामय व्यवहार की प्रशंसा करते हुए मंत्रिमंडल ने कहा कि इनकी त्वरित और समन्वित कार्रवाई सराहनीय रही।

जांच को सर्वोच्च प्राथमिकता 

मंत्रिमंडल ने निर्देश दिया कि जाँच को अत्यंत तत्परता और पेशेवर रवैये के साथ आगे बढ़ाया जाए। सरकार इस स्थिति पर उच्चतम स्तर से नजर रख रही है। प्रस्ताव के अंत में दोहराया गया कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के अनुरूप सभी नागरिकों के जीवन और कल्याण की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित है।

लाल किले के पास कार बम विस्फोट

10 नवंबर को लाल किले के निकट एक सफेद हुंडई i20 कार में हुआ शक्तिशाली विस्फोट दिल्ली के इतिहास में एक काला अध्याय बन गया। हमले में कई लोगों की जान गई और दर्जनों घायल हुए। शुरुआती जाँच में इसे आतंकी साजिश के तौर पर देखा गया, लेकिन आधिकारिक तौर पर आतंकवादी घटना नहीं कही गई। इसमें डॉक्टरों के एक नेटवर्क की संलिप्तता सामने आई है। 


मामले में मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर उन नबी की लाल फोर्ड इकोस्पोर्ट हरियाणा के खंडावली गांव से बरामद हो चुकी है, जबकि उनके दो साथी फरीदाबाद से पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। इन आरोपियों के पास से 2900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद हुआ है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल का यह प्रस्ताव न केवल पीड़ितों के प्रति संवेदना है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की अडिग लड़ाई का साफ़ संदेश भी है। सरकार ने साफ़ किया कि चाहे अपराधी कोई भी हों, उनके सहयोगी हों या सरपरस्त – सभी को कानून की सख्त सजा मिलेगी। दिल्ली पुलिस, एनआईए और अन्य केंद्रीय एजेंसियां मिलकर मामले की तह तक जा रही हैं। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल टावर डेटा और डीएनए सैंपल की जांच तेज कर दी गई है।