केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को दिल्ली के अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग पर अपने नियंत्रण का बचाव किया। मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उसे देश की राजधानी में प्रशासन पर विशेष अधिकार रखने की आवश्यकता है। इसके तुरंत बाद, दिल्ली सरकार ने केंद्र के रुख पर आपत्ति जताई।
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, चूंकि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है, इसलिए यह आवश्यक है कि केंद्र के पास लोक सेवकों की नियुक्तियों और तबादलों का अधिकार हो। दिल्ली राष्ट्र का चेहरा है। दुनिया भारत को दिल्ली के जरिए देखती है।
सुप्रीम कोर्ट सिविल सर्विसेज पर नियंत्रण को लेकर केंद्र के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
केंद्र ने तर्क दिया, दिल्ली के कानूनों के बारे में आवश्यक विशेषता इस बात से निर्देशित थी कि इस देश की महान राजधानी को कैसे चलाया जाएगा। यह किसी विशेष राजनीतिक दल के बारे में नहीं था। चूंकि यह राष्ट्रीय राजधानी है, इसलिए यह आवश्यक है कि केंद्र के पास अपने प्रशासन पर विशेष अधिकार हों और महत्वपूर्ण मुद्दों पर नियंत्रण हो। दिल्ली प्रशासन के बारे में कानून केंद्र और दिल्ली के बीच किसी भी सीधे टकराव को रोकने के लिए थे।
सुप्रीम कोर्ट को केंद्र ने बताया - दिल्ली पर कंट्रोल क्यों चाहिए?
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- 29 Mar, 2025
दिल्ली पर नियंत्रण को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को जोरदार बहस हुई। केंद्र ने जहां तमाम वजहें बताईं कि उसे दिल्ली पर क्यों नियंत्रण चाहिए, साथ ही सुझाव दिया कि इस मामले को पूर्ण पीठ को भेज देना चाहिए। दिल्ली सरकार के वकील ने इसका कड़ा विरोध किया।
