नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की शिकायत खारिज होने के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। ‘गैंग्स ऑफ गांधीनगर’ बयान के पीछे क्या है सियासी संदेश?
नेशनल हेराल्ड केस का संज्ञान लेने से राउज एवेन्यू कोर्ट के मना करने के बाद कांग्रेस ने पीएम मोदी और अमित शाह पर बड़ा हमला बोला है। इसने कहा है कि नेशनल हेराल्ड केस में कोर्ट के फ़ैसले से 'गैंग्स ऑफ गांधीनगर' की पोल खुल गई है।
दरअसल, दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने इसे क़ानूनी रूप से अस्वीकार्य बताया क्योंकि यह एक निजी व्यक्ति की शिकायत पर आधारित था, न कि किसी सूचीबद्ध अपराध की एफ़आईआर पर। इस फ़ैसले के बाद कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और इसे 'गैंग्स ऑफ गांधीनगर' द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग की साजिश करार दिया।
राहुल का मनोबल तोड़ने की साज़िश
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह मामला राहुल गांधी का मनोबल तोड़ने की साजिश थी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह साजिश सिर्फ राहुल गांधी के ख़िलाफ़ नहीं, बल्कि पूरे भारत की जनता के खिलाफ है। खेड़ा ने कहा, "'गैंग्स ऑफ गांधीनगर' द्वारा एजेंसियों के दुरुपयोग की पोल आज खुल गई है। यह साजिश भारत की जनता के खिलाफ है। राहुल गांधी विपक्ष की भूमिका बखूबी निभा रहे हैं, इसलिए यह साजिश रची जा रही है।"
पवन खेड़ा ने कहा, "लेकिन आखिर ये साजिश क्यों रची गई? आपने देखा है कि इस देश का लोकतंत्र तबाह होने की कगार पर है, अगर किसी ने उसे रोककर रखा है, तो वे राहुल गांधी हैं। इसलिए सत्ता पक्ष साजिश रचता है कि कैसे राहुल गांधी जी के हौसले को तोड़ दिया जाए, लेकिन ये साजिश आपके खिलाफ है, इस देश के खिलाफ है। हर एक भारतीय के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है।" उन्होंने कहा, लोकतंत्र की रक्षा का काम देश की जनता ने विपक्ष को सौंपा है, जिसे विपक्ष और राहुल गांधी जी बहुत मजबूती से निभा रहे हैं- 'गैंग्स ऑफ गांधीनगर' की यही दिक्कत है। पवन खेड़ा
कांग्रेस प्रवक्ता
'राहुल से घंटों पूछताछ के बाद भी केस नहीं बना पाई ईडी'
उन्होंने कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत करते हुए इसे कांग्रेस के लिए नैतिक और राजनीतिक जीत बताया। कांग्रेस के वकील मोहम्मद खान ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नेशनल हेराल्ड मामला शुरू से ही फर्जी था। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी खुद ईडी के सामने पेश हुए और घंटों पूछताछ का सामना किया, लेकिन भारी संसाधन लगाने के बावजूद ईडी कोई ठोस मामला नहीं बना सकी। उन्होंने कहा कि यह मामला पूरी तरह समय की बर्बादी था।
कोर्ट के फ़ैसले के तुरंत बाद कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर केंद्र सरकार पर हमला बोला। पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार के 'घिनौने और अवैध कार्यों' की पूरी तरह पोल खुल गई है। बयान में कहा गया है कि यह मामला अवैध और दुर्भावनापूर्ण था, ईडी ने अपनी अधिकार सीमा से बाहर जाकर कार्रवाई की और बिना एफ़आईआर के कोई मामला नहीं बन सकता। पार्टी ने कहा, 'पिछले एक दशक से मोदी सरकार द्वारा मुख्य विपक्षी पार्टी के खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना और प्रतिशोध से की गई कार्रवाई आज पूरे देश के सामने नंगी हो गई है।' पार्टी ने कहा कि वह सच्चाई और हर भारतीय के अधिकारों के लिए लड़ती रहेगी और डरने वाली नहीं है।स्पेशल जज विशाल गोगने ने फ़ैसले में कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच और अभियोजन शिकायत तभी वैध है जब वह अनुसूचीबद्ध अपराध की एफ़आईआर पर आधारित हो। चूँकि यह मामला एक निजी व्यक्ति (सुब्रह्मण्यम स्वामी) की शिकायत पर आधारित था, इसलिए संज्ञान लेना कानूनन असंभव है। कोर्ट ने ईडी की शिकायत खारिज कर दी, लेकिन जांच जारी रखने की अनुमति दी। कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पहले ही इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है, इसलिए अभी मेरिट पर बहस करना जल्दबाजी होगी।
नेशनल हेराल्ड मामला क्या है?
यह मामला 2012 में बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की निजी शिकायत से शुरू हुआ था। ईडी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा दिवंगत कांग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और कंपनी यंग इंडियन पर साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए थे।
एजेंसी का आरोप है कि यंग इंडियन, जिसमें गांधी परिवार की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है, ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड यानी एजेएल की करीब 2000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को हासिल कर लिया। एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करती है। आरोप है कि कांग्रेस द्वारा दिए गए 90 करोड़ रुपये के ब्याज-मुक्त कर्ज के बदले सिर्फ 50 लाख रुपये में एजेएल की संपत्तियाँ यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दी गईं।कांग्रेस इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करती है और इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताती है। पार्टी का कहना है कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है और इसका उद्देश्य नेशनल हेराल्ड की विरासत को बचाना था, जिसमें कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं था।
बहरहाल, कोर्ट का यह फ़ैसला कांग्रेस के लिए बड़ी राहत है, लेकिन ईडी सूत्रों के अनुसार जांच जारी रहेगी और दिल्ली पुलिस की एफआईआर के आधार पर नई कार्रवाई हो सकती है।