इसका नतीजा यह निकल रहा है कि सामान आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। कच्चा माल भी फ़ैक्ट्रियों में नहीं पहुँच पा रहा है क्योंकि अधिकतर ट्रक फँसे हुए हैं। ये समस्याएँ किसी एक स्तर पर नहीं है, बल्कि फ़ैक्ट्रियों में कच्चा माल जाने से लेकर, ढुलाई, निर्माण, मज़दूरों की कमी और आपूर्ति करने तक में हैं।