दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of the People Act) के तहत दर्ज मामले में जारी समन के खिलाफ बीजेपी नेता कपिल मिश्रा की पुनर्विचार याचिका (रिवीज़न पिटीशन) खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि बीजेपी नेता और दिल्ली के वर्तमान कानून और न्याय मंत्री कपिल मिश्रा ने 2020 में "धर्म के आधार पर "वोट हासिल करने" और "नफरत फैलाने" के लिए "बहुत चतुराई से" "पाकिस्तान शब्द" का इस्तेमाल किया था।