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विपक्षी सांसदों का अडानी मुद्दे पर मार्च।

अडानी पर फिर सरकार दबाव में, विपक्ष के मार्च को रोका, संसद में हंगामा

अडानी मामले में विपक्षी दलों ने बुधवार को मोदी सरकार पर दबाव बढ़ा दिया। संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले में जेपीसी बनाए जाने और सदन में चर्चा कराने की मांग पर हंगामा हुआ। बीजेपी ने राहुल के लंदन बयान वाला मुद्दा फिर उठाया। इस बीच विपक्षी दलों ने आज बुधवार 15 मार्च को संसद परिवार के बाहर से ईडी दफ्तर तक मार्च निकालने की कोशिश की लेकिन मार्च को विजय चौक के पास रोक दिया गया। पुलिस ने विपक्षी सांसदों को आगे नहीं बढ़ने दिया।

सरकार ने 200 सांसदों को रोकने के लिए दो हजार पुलिस तैनात की है। कितनी डर गई है सरकार अडानी का मुद्दा उठाने से।


-मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता विपक्ष, राज्यसभा, 15 मार्च 2023 को

अधिकांश विपक्षी सांसद जब संसद परिसर से ईडी दफ्तर के लिए रवाना हुए तो विजय चौक पर उन्हें रोक दिया गया। पुलिस ने कहा कि इससे आगे मार्च नहीं जा सकता। इसके बाद विपक्षी सांसद खुद ही वहां से वापस लौटने लगे। इस दौरान मीडिया का एक वर्ग इस मार्च में कुछ विपक्षी दलों के शामिल न होने की खबरों को फोकस करते हुए खबरें चलाता रहा। 

संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा हंगामे की भेंट चढ़ रहा है। एक तरफ विपक्ष ने अडानी समूह के करप्शन का मामला उठा रखा है। मोदी सरकार इस पर बहस नहीं होने दे रही है। दूसरी तरफ सत्ता पक्ष यानी बीजेपी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंदन वाले बयान को मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर दबाव बना रही है। विपक्ष जैसे ही अडानी का मुद्दा उठाता है, बीजेपी राहुल का मुद्दा उठाकर हंगामा करती है। इसके बाद संसद के दोनों सदन ठप हो जाते हैं। संसद में यह हंगामा सोमवार से शुरू हुआ जो बुधवार को जारी रहा। बीजेपी यह परवाह किए बिना कि जनता में क्या संकेत जाएगा, अडानी का मुद्दा लोकसभा और राज्यसभा में नहीं उठने दे रही है।

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18 दलों के विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी संयुक्त रणनीति बनाने के लिए संसद भवन परिसर में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बुधवार सुबह मुलाकात की थी और उसके बाद ईडी दफ्तर तक मार्च निकालने का फैसला किया।

विपक्षी दलों ने विरोध मार्च निकालकर अडानी मामले में जांच एजेंसी को शिकायत सौंपने का फैसला किया है। विरोध मार्च दोपहर 12:30 बजे संसद भवन से शुरू हुआ। कई विपक्षी दलों के सांसद इसमें हिस्सा ले रहे हैं।

विपक्ष अडानी-हिंडनबर्ग मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग कर रहा है और अपनी मांग को संसद में लगातार उठा रहा है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया था कि अडानी समूह ने निवेशकों से धोखाधड़ी की है। अपने स्टॉक की कीमतों को बढ़ाने के लिए मॉरीशस रूट का इस्तेमाल किया।

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