आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने संविधान की प्रस्तावना से 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द हटाने की सनसनीखेज मांग उठाकर देश में नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने आपातकाल के दौरान जोड़े गए इन शब्दों को ग़ैर-ज़रूरी बताया और भारत की सांस्कृतिक पहचान पर जोर देते हुए कहा कि ये भारत की सभ्यतागत भावना के अनुरूप नहीं हैं। इस बयान ने देश में एक नई राजनीतिक बहस को छेड़ दिया है।