पच्चीस साल यानी एक चौथाई सदी पूरी हो गयी! 1995 में 21 सितंबर (गणेश चतुर्थी) को यह अफवाह फैली कि गणेश प्रतिमाएं दूध पी रही हैं। देखते ही देखते मंदिरों में भीड़ लग गई। न्यूज़ चैनलों पर अटल बिहारी वाजपेयी समेत कई नेता गणेश जी को दूध पिलाते दिख रहे थे। इसके बाद लोगों ने एक-दूसरे को फोन करके इसकी सूचना दी। यह मोबाइल फोन, सोशल मीडिया या इंटरनेट का दौर नहीं था।

खबरिया चैनलों के स्टूडियो में अदालतों का सजना और जांच एजेंसियों के आधिकारिक बयान आने से पहले अपने एजेंडे के मुताबिक़ बहुत कुछ फर्जी खबरें परोसना बदस्तूर जारी है।
एसटीडी और पीसीओ के काले-पीले बूथों पर भीड़ जुटने लगी थी। लोगों ने जेब से पैसे खर्च कर अपने संबंधियों, साथियों को फोन कर पूछना शुरू कर दिया था कि, क्या उनके शहर, मोहल्ले या गांव में भी भगवान गणेश दूध पी रहे हैं!