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कुंभ में कोरोना टेस्टिंग फ़र्जीवाड़े पर त्रिवेंद्र और तीरथ आमने-सामने

चार महीने पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाए त्रिवेंद्र सिंह रावत की नए मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत के साथ तल्खियां बरकरार हैं। पहले भी कुछ मामलों में सरकार के फ़ैसलों को लेकर टीका-टिप्पणी कर चुके त्रिवेंद्र ने कुंभ मेले के दौरान कोरोना की फ़र्जी टेस्टिंग के मामले में तीरथ सरकार को घेर लिया है लेकिन तीरथ ने उन पर पलटवार किया है। 

फ़र्जी टेस्टिंग को लेकर शोर 

कोरोना की दूसरी महामारी के दौरान जारी रहा कुंभ मेला इस बार कोरोना की फ़र्जी टेस्टिंग को लेकर चर्चा में है। इस मामले में कई प्राइवेट लैब जांच के घेरे में हैं और इन पर आरोप है कि इन्होंने मेले के दौरान टेस्टिंग के फ़र्जीवाड़े को अंजाम दिया है। 

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एएनआई से बातचीत में कहा कि यह लापरवाही नहीं बल्कि गंभीर अपराध है और इसे जान-बूझकर किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई होनी चाहिए। 

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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी लोग इसमें दोषी पाए जाएं उन पर सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए। एक तरह से त्रिवेंद्र ने चुनौती दी है कि तीरथ सिंह रावत फ़र्जी टेस्टिंग के इस मामले की जांच कराएं। 

पुराना मामला है: तीरथ सिंह 

त्रिवेंद्र के बयान के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपना बचाव करते हुए कहा कि यह उनके कुर्सी संभालने से पहले का मामला है और उन्होंने इस मामले में जांच बिठाई है। उन्होंने कहा है कि वह चाहते हैं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए और जो भी इस मामले में दोषी पाया जाएगा उसके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी। 

तीरथ सिंह रावत ने सीधे तौर पर इस फ़र्जीवाड़े के लिए पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की। 

एक लाख से ज़्यादा आंकड़ा

उत्तराखंड सरकार ने इस मामले के तूल पकड़ने के बाद हरिद्वार के जिला प्रशासन को प्राइवेट लैब के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इन प्राइवेट लैब की कुल संख्या 22 है और इनके साथ राज्य सरकार ने ही कुंभ मेले के दौरान कोरोना की टेस्टिंग के लिए करार किया था। ऐसी ख़बरें हैं कि फ़र्जी टेस्ट का आंकड़ा एक लाख से ज़्यादा है। 

राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेस, लालचंदानी लैब्स और नलवा लैब्स के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई है। 

यह मामला तब चर्चा में आया था जब पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले एक शख़्स ने शिकायत की थी कि उन्हें एक मैसेज मिला है, जिसमें कहा गया है कि वह अपनी कोरोना की रिपोर्ट ले जाएं जबकि उन्होंने कभी जांच कराई ही नहीं। 

अलग से भी होगी जांच 

कुंभ मेले के स्वास्थ्य प्रशासन ने भी इस मामले में अलग से जांच शुरू कर दी है और कहा है कि कोरोना टेस्टिंग के डाटा में जिन भी लोगों के नाम हैं, वह उनसे इस बारे में सवाल पूछेगा। 

कुंभ मेले के दौरान लाखों लोगों ने स्नान में हिस्सा लिया था और उस दौरान हरिद्वार के साथ ही देश भर में कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़े थे। इसके बाद प्रधानमंत्री ने दख़ल देकर इसे प्रतीकात्मक रूप से किए जाने की अपील की थी। 

चार धाम यात्रा पर सलाह 

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस महीने की शुरुआत में तीरथ सिंह रावत को पत्र लिखकर चार धाम यात्रा शुरू करने की सलाह दी थी। जबकि राज्य सरकार का रूख़ था कि कोरोना से बिगड़े हालातों के सुधरने के बाद ही राज्य के कुछ जिलों के लोगों के लिए इसे शुरू किया जा सकता है। 

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अदालत की फटकार 

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को अप्रैल के महीने में फटकार लगाते हुए कहा था कि चार धाम यात्रा को एक और कुंभ नहीं बनने दिया जाएगा। अदालत ने कहा था कि राज्य सरकार अपनी ग़लतियों से भी सबक क्यों नहीं लेती और यह राज्य यहां के ही लोगों के लिए शर्मिंदगी का विषय बन रहा है। 

अदालत ने राज्य सरकार से कहा था कि वह चार धाम यात्रा से जुड़े दिशा-निर्देश जारी करे, कोरोना से निपटने की तैयारी के बारे में बताए और कोअस्पतालों व ऑक्सीजन लगे बिस्तरों की तादाद बढ़ाए। 

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क़मर वहीद नक़वी
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