पाकिस्तान ने भारत की एयरलाइंस के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है, जिससे हफ्ते में 800 से अधिक उड़ानें प्रभावित होने की आशंका है। इस कदम से उड़ान का समय बढ़ने, ईंधन की खपत में वृद्धि और क्रू व फ्लाइट शेड्यूलिंग से जुड़ी जटिलताओं के कारण ऑपरेशन लागत में भी बढ़ोतरी होगी।

भारत की एयरलाइंस पाकिस्तानी एयरस्पेस पर प्रतिबंध को ध्यान में रखते हुए अपने शेड्यूल को फिर से तय कर रही हैं। इंडिगो ने घोषणा की कि वह 27 और 28 अप्रैल से दिल्ली से मध्य एशिया के अल्माटी और ताशकंद तक की अपनी दैनिक उड़ानों को कम से कम 7 मई तक निलंबित कर रही है।

भारतीय पर्यटक सबसे ज्यादा थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, यूएई, ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय देशों (फ्रांस, जर्मनी, स्विट्जरलैंड) में घूमने जाते हैं। इनमें से अधिकांश पश्चिमी देशों तक जाने वाली उड़ानें पाकिस्तानी एयरस्पेस से होकर गुजरती थीं। एयर इंडिया, इंडिगो और विस्तारा जैसी एयरलाइंस की यूरोप, अमेरिका और मध्य पूर्व की फ्लाइट्स को अब लंबा रूट लेना पड़ रहा है, जिससे यात्रा का समय 1-3 घंटे तक बढ़ गया है। हालांकि, थाईलैंड, बाली, उजबेकिस्तान, वियतनाम और मलेशिया जैसे लोकप्रिय एशियाई गंतव्यों पर असर कम होगा, क्योंकि इनके लिए वैकल्पिक रूट उपलब्ध हैं।

इंडिगो ने ताशकंद और अलमाटी की फ्लाइट कैंसल करते हुए कंपनी ने कहा कि सीमित विकल्पों के कारण ये दोनों शहर अब उसके नैरो-बॉडी विमानों के ऑपरेशन सीमा से बाहर हो गए हैं। इंडिगो ने यह भी बताया कि पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने से उसकी 50 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें प्रभावित होंगी, जिनमें फिर से शेड्यूल करने की जरूरत पड़ सकती है।

कौन सी एयरलाइंस हुईं प्रभावित?

सभी प्रमुख भारतीय एयरलाइंस देश के पश्चिम में स्थित अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ानें संचालित करती हैं, और इनमें से कई उड़ानें पाकिस्तान के ऊपर से गुजरती थीं।


एयर इंडिया: पश्चिम एशिया, यूरोप, ब्रिटेन और उत्तरी अमेरिका के लिए उड़ानें

इंडिगो: पश्चिम एशिया, तुर्की, काकेशस और मध्य एशिया के लिए उड़ानें

एयर इंडिया एक्सप्रेस, अकासा एयर, स्पाइसजेट: पश्चिम एशिया के गंतव्यों के लिए उड़ानें

कितनी उड़ानें हुईं प्रभावितः एविएशन एनालिटिक्स कंपनी सिरियम के डेटा के अनुसार, उत्तर भारतीय हवाई अड्डों—दिल्ली, अमृतसर, जयपुर और लखनऊ—से पश्चिम दिशा में लगभग 400 साप्ताहिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें पाकिस्तान के ऊपर से गुजरती थीं। चूंकि इन सभी उड़ानों की वापसी यात्रा भी होती है, इसलिए प्रभावित उड़ानों की कुल संख्या लगभग 800 हो जाती है। इनमें से लगभग 640 उड़ानें दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से या उस तक हैं, जो इस कदम से सबसे अधिक प्रभावित होने वाला है। इसके अलावा, मुंबई जैसे अन्य भारतीय शहरों से कुछ अल्ट्रा-लॉन्ग-हॉल उड़ानें भी प्रभावित हो रही हैं, क्योंकि उनके फ्लाइट रूट्स पाकिस्तानी एयरस्पेस से होकर गुजरते थे।

इसी तरह यूरोप (लंदन, पेरिस) और उत्तरी अमेरिका (न्यूयॉर्क, टोरंटो) के रूट्स पर भारी असर पड़ा है। एयर इंडिया की कई लंबी दूरी की उड़ानों को अब यूरोप में तकनीकी पड़ाव लेने पड़ रहे हैं। इससे न केवल यात्रा का समय बढ़ा है, बल्कि टिकट की कीमतों में भी 10-15% तक की बढ़ोतरी होने की आशंका है। हालांकि, दुबई, सिंगापुर और दक्षिण-पूर्व एशिया के रूट्स पर असर सीमित है, क्योंकि ये उड़ानें पाकिस्तानी एयरस्पेस से दूर हैं।

पर्यटन उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि इससे विदेश यात्रा की लागत बढ़ सकती है, खासकर गर्मियों के पर्यटन सीजन में। ट्रैवल एजेंसियों को यूरोप और अमेरिका के पैकेज्स की कीमतें संशोधित करनी पड़ सकती हैं।

फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से पता चलता है कि एयर इंडिया की उत्तरी अमेरिका से आने-जाने वाली कुछ अल्ट्रा-लॉन्ग-हॉल उड़ानों को शुक्रवार को कोपेनहेगन और वियना जैसे यूरोपीय हवाई अड्डों पर तकनीकी पड़ाव (ईंधन भरने या क्रू बदलने के लिए) लेने पड़े। इनमें एयरलाइन की दिल्ली-वाशिंगटन, दिल्ली-न्यूयॉर्क, दिल्ली-शिकागो, दिल्ली-टोरंटो, दिल्ली-न्यूअर्क, मुंबई-न्यूयॉर्क और वैंकूवर-दिल्ली उड़ानें शामिल थीं।

2019 की यादें ताजा

पिछली बार, जब पाकिस्तान ने 2019 में भारतीय वायुसेना की बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद लंबी अवधि के लिए अपना एयरस्पेस बंद किया था, तो एयर इंडिया की उत्तरी अमेरिका की कुछ उड़ानों को नियमित रूप से बीच में तकनीकी पड़ाव लेने पड़ते थे। एयर इंडिया ने अभी तक यह नहीं बताया है कि क्या अब अल्ट्रा-लॉन्ग-हॉल उड़ानों पर ऐसे पड़ाव नियमित हो जाएंगे।

2019 में 700 करोड़ रुपये का नुकसान

जब पाकिस्तान ने 2019 में चार महीने से अधिक समय तक अपना एयरस्पेस बंद रखा था, तो भारतीय एयरलाइंस को लंबे रूट्स और ईंधन खर्च में वृद्धि के कारण लगभग 700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। उस समय एयर इंडिया सबसे अधिक प्रभावित हुई थी, क्योंकि वह अन्य एयरलाइंस की तुलना में अधिक पश्चिम दिशा वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करती थी। इसके अलावा, यह तब भी और अब भी यूरोप और उत्तरी अमेरिका के लिए लॉन्ग-हॉल और अल्ट्रा-लॉन्ग-हॉल उड़ानें संचालित करने वाली एकमात्र भारतीय एयरलाइन है।

एयरलाइन सूत्रों के अनुसार, फ्लाइट शेड्यूल पर काम चल रहा है, और एयरलाइंस जल्द ही अपने शेड्यूल और नेटवर्क में बदलाव की घोषणा कर सकती हैं ताकि यात्रियों को स्पष्टता और शेड्यूल स्थिरता प्रदान की जा सके। भारतीय एयरलाइंस ने अभी तक पाकिस्तान के इस कदम के संभावित वित्तीय प्रभाव पर कोई टिप्पणी नहीं की है, और आने वाले दिनों में वित्तीय और परिचालन प्रभाव की स्पष्ट तस्वीर सामने आने की उम्मीद है।