loader

हिन्दू राष्ट्र बनाम खालिस्तानः गहलोत ने संबंध जोड़ा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने अलग खालिस्तान की मांग करने की हिम्मत इसलिए की क्योंकि देश में पहले से ही हिंदू राष्ट्र की मांग चल रही है। भाजपा और आरएसएस जब बार-बार 'हिंदू राष्ट्र' बनाने की बात कर रहे हैं, इससे अमृतपाल जैसे लोगों को भी मौका मिल रहा है, और इसके लिए पूर्ण रूप से संघ और भाजपा जिम्मेदार है।  
गहलोत ने कहा कि पंजाब में अमृतपाल का नाम बहुत चर्चा में है। उसका कहना है कि अगर मोहन भागवत और नरेंद्र मोदी हिंदू राष्ट्र की बात कर सकते हैं, तो मैं खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकता हूं? यह उसका दुस्साहस है और ऐसा करने की हिम्मत उसे संघ और भाजपा से मिली। क्योंकि आप हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं? गहलोत ने यह बात चुनाव की तैयारियों में जुटे कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।
ताजा ख़बरें
गहलोत ने कहा कि देश में धर्म की राजनीति की जा रही है, और ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। इसी वजह से इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई। ‘आग लगना आसान है, लेकिन इसे बुझाने में बहुत समय लगता है। उन्होंने जान दे दी लेकिन खालिस्तान नहीं बनने दिया। अगर आप देश की भलाई चाहते हैं तो हर धर्म और जाति के लोगों को साथ लेकर चलना होगी तभी यह देश एकजुट रहेगा।
अशोक गहलोत केवल इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को भी चुनौती दी है कि वह सीबीआई के उन अधिकारियों के नाम बताएं, जिन्होंने उनपर नरेंद्र मोदी को फसाने का दबाव बनाया था। गहलोत अमित शाह के उस दावे पर पलटवार कर रहे थे, जिसमें शाह ने दावा किया था कि कांग्रेस सरकार के समय सीबीआई ने फर्जी मुठभेड़ मामले में अपने पार्टी सहयोगी और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री उनपर नरेंद्र मोदी को फसाने के लिए दबाव डाला था।
गहलोत ने दिल्ली पुलिस पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर दिल्ली पुलिस कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जम्मू-कश्मीर में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिलाओं का विवरण देने के लिए कह सकती है, तो वही पुलिस निश्चित रूप से श्री शाह से उन अधिकारियों के नाम बताने के लिए कह सकती है जो 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी को फंसाना चाहते थे।
देश से और खबरें
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि केंद्र शासित प्रदेश में महिलाओं का अब भी यौन उत्पीड़न किया जा रहा है। यात्रा समाप्त होने के बाद और 45 दिन बाद, दिल्ली पुलिस की एक टीम ने पांच दिनों में तीन बार राहुल गांधी के घर पहुंची थी, कांग्रेस ने इसपर राहुल गांधी को परेशान करने का आरोप लगाया था।
गहलोत ने कहा कि क्या दिल्ली पुलिस अमित शाह को यह कहने के लिए नोटिस भी भेजेगी कि सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) गुजरात में एक कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने के लिए उन पर दबाव डाल रही थी। जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान जांच एजेंसी द्वारा उनसे पूछताछ की जा रही थी। इसलिए मैं पूछ रहा हूं कि क्या दिल्ली पुलिस अमित शाह से उसी तरह सवाल करेगी जैसे उन्होंने राहुल गांधी से सवाल किया था? मुझे लगता है कि उन्हें ऐसा करना चाहिए।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें