विपक्ष के सोमवार को जबरदस्त मार्च के बाद मंगलवार को इंडिया गठबंधन के सांसदों ने बिहार SIR के खिलाफ संसद परिसर में अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। प्रदर्शन के दौरान कई विपक्षी नेता, जिनमें कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी भी शामिल थीं, ने "मिंता देवी" की तस्वीर वाली टी-शर्ट पहन रखी थी। संसद में भी बिहार एसआईआर पर चर्चा की मांग लेकर मंगलवार को भी हंगामा हुआ। सरकार बिहार एसआईआर पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है। 

मिंता देवी कौन हैं? 

मिंता देवी उन मतदाताओं में से एक थीं, जिनका नाम कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मतदाता धोखाधड़ी मुद्दे पर सबूत में शामिल किया गया था। गांधी ने दावा किया कि "124 वर्षीय मिंता देवी" बिहार की हाल ही में जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची में रजिस्टर्ड मतदाता हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, मिंता देवी की उम्र दुनिया की सत्यापित सबसे बुजुर्ग व्यक्ति एथल कैटरहम (115 वर्ष) से भी ज्यादा है। विपक्ष यही बताना चाहता है कि चुनाव आयोग यानी ईसीआई ने किस तरह की गलतियां ड्राफ्ट मतदाता सूची में की हैं और वो उसे सच बताने पर तुला है। विपक्ष के सवालों का सामना करने से भाग रहा है।

मिंता देवी की टी शर्ट बनी विरोध का प्रतीक

जब संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन के दौरान विपक्षी सांसदों द्वारा विशेष टी-शर्ट पहने जाने के बारे में पूछा गया, तो कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने पीटीआई से कहा, "ईसीआई की विफलता को इसी से समझा जा सकता है। राजीव कुमार और ज्ञानेश कुमार के अधीन ईसीआई अब भाजपा का एक विभाग बन गई है। वे पूरी तरह विफल हो गए हैं। उदाहरण के लिए, मिंता देवी पहली बार मतदाता हैं, लेकिन 124 वर्ष की हैं। हम इस विषय पर चर्चा चाहते हैं। इसमें नकली मतदाता सूची और नकली नाम हैं। हम इसे उजागर करना चाहते हैं, विरोध के प्रतीक के रूप में हम यह टी-शर्ट पहन रहे हैं...।"
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कांग्रेस के एक्स हैंडल पर एक वीडियो जारी करते हुए कहा गया है- BJP और चुनाव आयोग मिलकर वोट चोरी कर रहे हैं, जनता के अधिकार छीन रहे हैं। आज INDIA गठबंधन के सांसदों ने वोट चोरी और SIR के खिलाफ आवाज बुलंद की। वोट चोरी देश के विरुद्ध एक गंभीर अपराध है- इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

'वोट चोरी' विरोध प्रदर्शन और अब तक का घटनाक्रम

11 अगस्त, 2025 को राहुल गांधी के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन के 300 सांसदों ने संसद से चुनाव आयोग कार्यालय तक 'वोट चोरी' के खिलाफ एक मार्च निकाला, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही हिरासत में ले लिया। इसके बाद मंगलवार को यह विरोध प्रदर्शन जारी रहा, जिसमें सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेताओं ने भाग लिया। भारतीय संसद में इस मुद्दे पर गतिरोध बना हुआ है, क्योंकि विपक्ष लगातार चुनाव आयोग और सरकार से जवाब मांग रहा है। मानसून सत्र के शुरू होने के बाद से, 21 जुलाई से, लोकसभा और राज्यसभा में सामान्य कार्यवाही बाधित रही है, और केवल 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा हुई है। विपक्ष ने SIR अभ्यास को वापस लेने और मतदाता सूची में अनियमितताओं की जांच की मांग की है, जबकि सत्ता पक्ष इसे राजनीतिक स्टंट बता रहा है।

मिंता देवी टीशर्ट पहनकर मंगलवार को विपक्ष का संसद परिसर में प्रदर्शन

यूपी के मतदाता बिहार में कैसे दर्ज 

बिहार एसआईआर में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। राज्य के सिर्फ़ एक विधानसभा क्षेत्र में ड्राफ़्ट मतदाता सूची में हज़ारों मतदाता ऐसे हैं जो उत्तर प्रदेश के मतदाता के तौर पर पहले से ही दर्ज हैं। द रिपोर्टर्स कलेक्टिव ने एक जाँच रिपोर्ट प्रकाशित की है जो चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।  इस मीडिया रिपोर्ट की जांच में पाया गया कि बिहार के वाल्मीकि नगर विधानसभा क्षेत्र की नई मतदाता सूची में उत्तर प्रदेश के 5000 से अधिक दोहरे और संदिग्ध मतदाताओं के नाम शामिल हैं। इनके पास दो अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र यानी EPIC नंबर हैं। 

यह अवैध प्रथा न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की प्रक्रिया को भी कमजोर करती है। इस खुलासे ने कांग्रेस और अन्य गैर-बीजेपी दलों को निर्वाचन आयोग और सत्तारूढ़ दल के खिलाफ हमलावर होने का मौक़ा दे दिया है। ऐसे मुद्दों पर चर्चा को रोकने के लिए संसद में बीजेपी सांसद हंगामा कर देते हैं और संसद स्थगित हो जाती है। सवाल ये है कि अगर विपक्ष इस मुद्दे को नहीं उठाएगा तो कौन उठाएगा।