केंद्र ने इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट्स अराजकता को लेकर उच्चस्तरीय जाँच के आदेश दिए हैं। उड्डयन मंत्री का कहना है कि सोमवार तक सेवाएँ सामान्य हो जाएँगे। राहुल गांधी ने इंडिगो मोनोपली पर हमला किया। पायलट यूनियनों ने सुरक्षा संबंधी चिंताएँ जताईं हैं।
देश के तमाम एयरपोर्टों पर लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही है।
केंद्र सरकार ने इंडिगो संकट पर कड़ा रुख अपनाते हुए हाई-लेवल जांच के आदेश जारी किए हैं। सरकार ने तीन दिनों के अंदर हालात सामान्य होने की उम्मीद जताई है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि उड़ानें शनिवार से स्थिर होने लगेंगी और सोमवार तक सब कुछ पटरी पर आ जाएगा।
मंत्री नायडू ने कहा, "यात्रियों के हित में फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशंस (एफडीटीएल) के कुछ प्रावधानों को निलंबित किया गया है। इससे पायलटों और क्रू को पर्याप्त विश्राम मिलेगा, लेकिन सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं होगा।" उन्होंने कहा, "कई ऑपरेशनल उपायों के तहत निर्देश दिए गए हैं ताकि सेवाएं जल्द बहाल हों और यात्रियों की असुविधा कम हो। इन निर्देशों के तत्काल क्रियान्वयन से शनिवार से उड़ानें स्थिर होना शुरू हो जाएंगी और तीन दिनों में पूर्ण बहाली हो जाएगी।" डीजीसीए ने एफडीटीएल चरण-दो के नियमों में ढील देते हुए दावा किया है कि पायलटों के ड्यूटी घंटों में लचीलापन आ गया है। लेकिन पायलट एसोसिएशन ने चिन्ता जताई है और कहा है कि एयरलाइंस को कुछ भी करने की छूट दे दी गई है।
मंत्री ने कहा, केंद्र ने 24x7 कंट्रोल रूम स्थापित किया है और जिम्मेदारी तय करने का वादा किया है। यात्रियों से अपील की गई है कि वे एयरलाइन ऐप्स पर स्टेटस चेक करके ही घर से निकलें। संकट के समाधान की उम्मीद के लिए सरकार बराबर कोशिश कर रही है।
इंडिगो ने शुक्रवार को दिल्ली से सभी घरेलू उड़ानें मध्यरात्रि तक रद्द कर दीं, जबकि बेंगलुरु में 102 उड़ानें प्रभावित हुईं। कंपनी ने स्वीकार किया है कि "गंभीर ऑपरेशन संकट" के कारण रोजाना 170-200 उड़ानें रद्द हो रही हैं, जो सामान्य से कहीं अधिक है। मौसम, तकनीकी खराबी और नए क्रू रोटेशन नियमों को कारण बताया जा रहा है, लेकिन मुख्य समस्या पायलटों की कमी और योजना में चूक है। इसे कंपनी स्वीकार करने को तैयार नहीं है। रही सही कसर सरकार ने भी शुक्रवार को पूरी कर दी, जब उसने डीजीसीए पायलट के रोस्टर ड्यूटी नियमों का राहत देने वाला आदेश वापस करा दिया। इंडिगो ने 5 से 15 दिसंबर तक टिकट रद्द कराने या यात्रा पुनर्निर्धारण पर पूर्ण छूट की पेशकश की है।
इंडिगो फ्लाइट्स की अव्यवस्था का मुद्दा शुक्रवार को संसद में भी उठा था। विपक्ष ने कहा नेता विपक्ष राहुल गांधी की बात दोहराते हुए कहा कि एयरपोर्टों पर दिख रही अराजकता मोदी सरकार की नीति का नमूना है। उसने एयरलाइंस को कुछ भी करने की छूट दे रखी है। इंडियो एयरलाइंस की मोनोपली का नतीजा फ्लाइट से आने -जाने वाले लोग कभी बेतहाशा किराये बढ़ाने तो कभी फ्लाइट को रद्द करने के रूप में भुगत रहे हैं।
सरकार और इंडिगो के रवैए से पायलट चिंतित
एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने डीजीसीए को पत्र लिखकर एफडीटीएल चरण-दो के तहत इंडिगो को दी गई "चुनिंदा छूट" पर कड़ी आपत्ति जताई है। संघ ने इसे "असुरक्षित और पक्षपाती" बताया और कहा कि 24 नवंबर 2025 की बैठक में कोई छूट देने पर सहमति नहीं बनी थी। फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफआईपी) ने भी इंडिगो पर हायरिंग फ्रीज और "कार्टेल जैसी" व्यवहार का आरोप लगाया, जिससे उड़ान रद्द होने के मामले बढ़े हैं। पायलटों का कहना है कि पायलटों और क्रू को अगर आराम नहीं करने दिया गया और उनसे लंबी ड्यूटी कराई गई तो सुरक्षा जोखिम बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, सभी एयरलाइंस के लिए समान नियम लागू होने चाहिए।
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इंडिगो संकट को केंद्र सरकार के "एकाधिकार मॉडल" का परिणाम बताया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "इंडिगो संकट इस सरकार के एकाधिकार मॉडल की कीमत है। एक बार फिर साधारण भारतीयों को देरी, रद्दीकरण और लाचारी भुगतनी पड़ रही है। भारत को हर क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा चाहिए, न कि मैच-फिक्सिंग वाले एकाधिकार।" राहुल ने जोर देकर कहा कि यह मॉडल नौकरियों को नष्ट कर रहा है और छोटे व्यवसायों को प्रभावित कर रहा है।