Jammu Kashmir Statehood Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट 8 अगस्त, 2025 को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट पहले कह चुका है कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए।
यह याचिका उस मामले से संबंधित है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2023 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को आमराय से बरकरार रखा था, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त था। उस फैसले में कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा "जल्द से जल्द" बहाल किया जाए और विधानसभा चुनाव सितंबर 2024 तक कराए जाएं।
वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने चीफ जस्टिस बी.आर. गवई के सामने इस मामले का उल्लेख करते हुए अनुरोध किया कि इसे 8 अगस्त की सूची से हटाया न जाए। चीफ जस्टिस ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया।
याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि हाल ही में शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए विधानसभा चुनाव यह दर्शाते हैं कि राज्य का दर्जा बहाल करने में कोई सुरक्षा संबंधी बाधा नहीं है। उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर को समयबद्ध तरीके से राज्य का दर्जा न देना भारत के संविधान की मूल संरचना का हिस्सा बनने वाले संघवाद के सिद्धांत का उल्लंघन करता है।"
उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख - में विभाजित कर दिया था। इस फैसले की छठी वर्षगांठ के मौके पर कांग्रेस पार्टी ने इसे "काला दिन" करार देते हुए राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर धरना देने की घोषणा की है।
याचिका में यह भी तर्क दिया गया है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आश्वासन दिया था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, लेकिन पिछले ग्यारह महीनों में इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
यह सुनवाई जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य का दर्जा बहाल होने से क्षेत्र की स्वायत्तता और लोकतांत्रिक अधिकारों को मजबूती मिलेगी।
जम्मू कश्मीर पर ताजा घटनाक्रम
पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अलग-अलग मुलाकात की थी। इसके बाद अमित शाह ने सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, खुफिया प्रमुख से उच्चस्तरीय बैठक की। इन बैठकों के बाद मीडिया के एक हिस्से में यह चर्चा रही कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के बाद मुद्दे पर ये बैठकें की थीं। लेकिन इसकी पुष्टि कहीं कहीं से नहीं हुई। अलबत्ता इन खबरों पर निराशा जताते हुए जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि केंद्र सरकार हमारे राज्य को पूर्ण राज्य का दर्जा देना चाहता है। लेकिन हमारी मांग इसके लिए जारी रहेगी। यह जम्मू कश्मीर की जनता की मांग है।