छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की जाने वाली किताब को लेकर अभी मामला शांत ही नहीं हुआ कि अंडरवर्ल्ड और नेताओं के रिश्ते पर बहस छिड़ गयी। और यह बहस भी शिवसेना नेता संजय राउत के एक समाचार पत्र के कार्यक्रम में दिए गए बयान से उपजी। एक जमाने में साप्ताहिक 'लोकप्रभा' पत्रिका में क्राइम रिपोर्टर रहे राउत ने कहा, ‘मुंबई के अंडरवर्ल्ड को क़रीब से देखा था और उसको लेकर ख़बरें भी बनायी थीं। तब मुंबई का अंडरवर्ल्ड इतना मज़बूत था कि बड़े-बड़े नेता उनसे मिलने आते थे, इंदिरा गाँधी मुंबई में करीम लाला से मिलने आती थीं, अंडरवर्ल्ड के इशारे पर मुंबई का पुलिस आयुक्त तय होता था…’ संजय राउत के इस बयान के बाद सियासी घमासान मच गया। जब तक उनकी सफ़ाई आती तब तक करीम लाला और हाजी मस्तान के परिवार से जुड़े लोगों ने दावे किए कि करीम लाला तो शरद पवार, बालासाहब ठाकरे, राजीव गाँधी से भी मिलते रहे हैं।
मुंबई में नहीं, राष्ट्रपति भवन में इंदिरा से मिला था 'अंडरवर्ल्ड डॉन' करीम लाला!
- देश
- |
- |
- 17 Jan, 2020

संजय राउत के करीम लाला-इंदिरा गाँधी मुलाक़ात वाले बयान पर विवाद क्यों? दावे यह भी कि करीम लाला तो शरद पवार, बालासाहब ठाकरे, राजीव गाँधी से भी मिलते रहे हैं।
हालाँकि कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया पर कुछ ही घंटों बाद राउत ने इस मामले में सफ़ाई दी और कहा कि जिस तरह से उनके बयान को लिया जा रहा है वैसा उन्होंने नहीं कहा। वह कांग्रेस नेता पंडित नेहरू, इंदिरा और राजीव गाँधी का हमेशा से सम्मान करते रहे हैं और समय-समय पर उन्होंने जो लेख लिखे हैं उनमें भी यह बात साफ़ दिखाई देती है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मौक़े को नहीं छोड़ा और कांग्रेस से पूछा है कि क्या कांग्रेस उस समय अंडरवर्ल्ड के भरोसे चुनाव जीतती थी, क्या कांग्रेस को अंडरवर्ल्ड से फ़ाइनेंस मिलता था?