तमिलनाडु के कीलडी पुरातात्विक स्थल को लेकर केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार के बीच चल रहा विवाद अब और गहरा गया है। इस विवाद का पहला शिकार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई के निदेशक (एंटीक्विटी) के. अमरनाथ रामकृष्ण बने हैं। रामकृष्ण को केंद्र सरकार ने उनके पद से हटा दिया है। यह क़दम कीलडी उत्खनन की तारीख़ तय करने को लेकर उपजी असहमति के बाद उठाया गया है। उन्होंने रिपोर्ट दी है कि कीलडी की सभ्यता 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व की है। अब तक भारत की सबसे पुरानी सभ्यता हड़प्पा सभ्यता यानी सिंधु घाटी सभ्यता मानी जाती है जो 3300 से लेकर 1300 ईसा पूर्व तक मानी जाती है। यह मुख्य रूप से मौजूदा भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में विकसित हुई। इसके बाद गंगा के मैदानों में बसावट शुरू हुई। कीलडी की सभ्यता को भी इसी दौर का माना जा रहा है। तो क्या दक्षिण भारत की कीलडी की सभ्यता गंगा के मैदानों में बसावट के समय ही फल फूल रही थी? क्या इसका मौजूदा तमिलनाडु और केंद्र के विवाद से संबंध है?
तमिलनाडु की कीलडी सभ्यता पर केंद्र से विवाद, ASI निदेशक को क्यों हटाया गया?
- देश
- |
- 18 Jun, 2025
तमिलनाडु की कीलडी की सभ्यता के गंगा के मैदानों जितना पुराना की रिपोर्ट आने के बाद केंद्र और तमिलनाडु में विवाद क्यों है? ASI निदेशक को क्यों हटाया गया? क्या राजनीति इतिहास से बड़ी हो गई है?

इसे समझने से पहले यह जान लीजिए कि आख़िर कीलडी उत्खनन और विवाद का आधार क्या है। तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में कीलडी एक अहम पुरातात्विक स्थल है। यह संगम युग की सभ्यता से जुड़ा है। इस स्थल की खुदाई का नेतृत्व अमरनाथ रामकृष्ण ने किया था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि कीलडी की सभ्यता 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व की है। यह तारीख़ भारत में दूसरी नगरीकरण की प्रक्रिया को गंगा के मैदानों के समकालीन बताती है। यह तमिलनाडु की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को मज़बूत करने वाला दावा है।