केंद्र सरकार भले ही कृषि क़ानून वापस लिए जाने का एलान कर चुकी है लेकिन किसान अभी भी जोर-शोर से आंदोलन जारी रखे हुए हैं। आज किसान आंदोलन को एक साल का वक़्त पूरा हो गया है। इस मौक़े पर एक बार फिर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से किसान बड़ी संख्या में दिल्ली के बॉर्डर्स पर पहुंचे हैं। कृषि क़ानून वापस होने के बाद किसान बेहद जोश में हैं।
आंदोलन का एक साल पूरा, बड़ी संख्या में बॉर्डर्स पर पहुंचे किसान
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- 26 Nov, 2021
चुनावी हार के डर से मोदी सरकार ने कृषि क़ानून वापस ले लिए। किसान आंदोलन के दौरान विपक्षी दलों ने भी उसे जमकर घेरा। लेकिन किसानों की बाक़ी मांगों पर वह क्या फ़ैसला लेगी?

किसानों ने अपनी कुछ मांगें सरकार के सामने रखी हैं और कहा है कि इन्हें लेकर वे आंदोलन जारी रखेंगे। किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की एक अहम बैठक 27 नवंबर को होने जा रही है। इसमें आंदोलन को लेकर कोई अहम फ़ैसला होने की उम्मीद है।
इस बीच सरकार ने कृषि क़ानूनों को रद्द करने की प्रक्रिया तेज़ कर दी है। कैबिनेट की बैठक में इन क़ानूनों को रद्द किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र के पहले ही दिन इन्हें रद्द करने की तैयारी है। किसानों ने भी 29 नवंबर को ट्रैक्टर्स के जरिये दिल्ली चलो का नारा दिया है।