दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र कहलाने वाला अमेरिका, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से उपजे 33 साल के एक नौजवान की कामयाबी से बौखलाया हुआ है। ज़ोहरान ममदानी, न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीतकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्यूमो जैसे दिग्गज को हराकर इतिहास रचा है लेकिन उनकी इस जीत के बाद इस्लामोफोबिया की लहर पैदा की जा री है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थक ममदानी की मुस्लिम पहचान को निशाना बना रहे हैं। यह अमेरिका के लोकतंत्रिक होने के दावों की पोल खोलता है? ममदानी के पुरखे गुजरात के थे और वे प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक मीरा नायर और पोलिटकल साइंटिस्ट महमदूद ममदानी के बेटे हैं।
इस्लामोफ़ोबिया ने न्यूयॉर्क मेयर के चुनाव में ‘लिबर्टी’ पर ब़ुर्क़ा डाला!
- विश्लेषण
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- 2 Jul, 2025

क्या न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में ज़ोहरान ममदानी इस्लामोफोबिया के शिकार बने? जानिए कैसे 'लिबर्टी' के नाम पर सांप्रदायिकता और भेदभाव ने चुनावी नैरेटिव को प्रभावित किया।
लिबर्टी?
न्यूयार्क के पास लिबर्टी द्वीप पर खड़ी की गयी 93 मीटर ऊँची स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी स्वतंत्रता और आप्रवासियों के स्वागत का प्रतीक रही है। 1886 में फ्रांस ने इसे अमेरिका को मैत्री के उपहार के रूप में दिया था। लेकिन आज, इस मूर्ति को सोशल मीडिया पर बुर्के में दिखाया जा रहा है। रिपब्लिकन सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन ने एक एडिटेड तस्वीर शेयर कर दावा किया कि ममदानी की जीत से न्यूयॉर्क का यही हाल होगा। यह न सिर्फ ममदानी की मुस्लिम पहचान पर हमला है, बल्कि एक सुचिंतित प्रचार है, जिसे "बिलो द बेल्ट" यानी घटिया राजनीति कहा जा सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप ने भी धमकी दी है कि अगर ममदानी मेयर बने, तो न्यूयॉर्क की संघीय फंडिंग रोकी जाएगी। आखिर कौन हैं ज़ोहरन ममदानी, जिनसे ट्रंप और उनके समर्थक इतने खफा हैं?