लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ) में हाल ही में किए गए निवेश को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इसे एक और उदाहरण बताया है, जिसमें सार्वजनिक धन का उपयोग निजी हितों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।

राहुल गांधी ने ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा: “पैसा आपका, पॉलिसी आपकी, प्रीमियम आपका — सुरक्षा, सुविधा, फायदा अडानी को!"

रिपोर्ट के अनुसार, APSEZ द्वारा किए गए 5,000 करोड़ रुपये (लगभग 585 मिलियन डॉलर) के बॉन्ड बिक्री में LIC एकमात्र खरीदार है। APSEZ, जो भारत की सबसे बड़ी एकीकृत ट्रांसपोर्ट सेवा कंपनी है, ने 30 मई को पुष्टि की कि उसने 15 वर्षों की अवधि वाले नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) जारी करके 5,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं — जो अब तक का उसका सबसे बड़ा घरेलू बॉन्ड इश्यू है। कंपनी के एक बयान में कहा गया कि यह इश्यू 7.75% की प्रतिस्पर्धी वार्षिक ब्याज दर पर पूरी तरह से LIC द्वारा सब्सक्राइब किया गया।

राहुल गांधी का अडानी समूह पर यह पहला हमला नहीं है। इससे पहले भी उन्होंने हिंडनबर्ग रिसर्च की जनवरी 2023 की रिपोर्ट के आधार पर अडानी समूह पर शेयर मूल्य हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। इसके अलावा, उन्होंने अडानी समूह द्वारा कोयला आयात में कथित ओवर-इनवॉइसिंग और रक्षा क्षेत्र में विदेशी फंड्स के उपयोग जैसे मुद्दों को भी उठाया। राहुल ने बार-बार संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग की है और दावा किया है कि अडानी को मोदी सरकार का संरक्षण प्राप्त है। उनकी यह टिप्पणी कि “मोदी जी अडानी के भ्रष्टाचार को छिपाते हैं” उनकी हालिया बयानबाजी का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने अडानी को “प्रधानमंत्री का रक्षक” बताया।
इस समय अडानी के खिलाफ यूएस में ईरान से एलपीजी आयात करने के मामले की जांच की संभावना बन रही है। इसके अलावा गौतम अडानी और उनकी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी अमेरिका में एक बड़े भ्रष्टाचार मामले में जांच के दायरे में हैं। नवंबर 2024 में अमेरिकी अभियोजकों ने अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित आठ लोगों पर 250 मिलियन डॉलर (लगभग 2029 करोड़ रुपये) की रिश्वत योजना और धोखाधड़ी का आरोप लगाया। 

इस योजना में अडानी समूह पर भारत में सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है। राहुल गांधी ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि अडानी को भारत में गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा, और यह सवाल उठाया कि क्या सरकार उनकी रक्षा कर रही है। इस मुद्दे ने भारतीय राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है, और विपक्ष इसे संसद के शीतकालीन सत्र में उठाने की तैयारी में है।

इस बीच कंपनी ने आगे बताया, “APSEZ की मजबूत वित्तीय स्थिति और ‘AAA/स्थिर’ घरेलू क्रेडिट रेटिंग के चलते यह इश्यू पूरी तरह से LIC द्वारा सब्सक्राइब किया गया और इसे BSE पर सूचीबद्ध किया जाएगा।” यह फंड APSEZ के अमेरिकी डॉलर में जारी बॉन्ड के प्रस्तावित बायबैक (वापसी खरीद) में उपयोग किया जाएगा, जिसकी मंजूरी कंपनी के 31 मई 2025 को होने वाली बोर्ड बैठक में दी जानी है।

कंपनी ने इस इश्यू को अब तक की सबसे लंबी अवधि की घरेलू बॉन्ड पेशकश बताया है — और यह भारतीय पूंजी बाजार के इतिहास में भी सबसे दीर्घकालिक में से एक है। इस कदम से APSEZ का औसत ऋण परिपक्वता काल 4.8 वर्ष से बढ़कर 6.2 वर्ष हो गया है, जिससे इसकी दीर्घकालिक पूंजी संरचना को मजबूती मिली है।

कंपनी के मुताबिक “यह सिर्फ वित्तपोषण की कवायद नहीं है, बल्कि यह हमारी सुविचारित पूंजी प्रबंधन योजना का सक्रिय क्रियान्वयन है। इसका उद्देश्य नियंत्रित ऋण अनुपात बनाए रखना, ऋण परिपक्वता अवधि को बढ़ाना, लागत घटाना और फंडिंग के स्रोतों में विविधता लाना है — ताकि हम दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत परिवहन सेवा कंपनी बनने के अपने दीर्घकालिक लक्ष्य को हासिल कर सकें।”

वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में, APSEZ ने 19% की सालाना वृद्धि के साथ ₹20,471 करोड़ का EBITDA दर्ज किया, जिससे उसका नेट डेट-टू-EBITDA अनुपात घटकर 1.8x हो गया — जो पिछले एक दशक में सबसे न्यूनतम स्तर पर है। यह प्रदर्शन कंपनी के 18 बंदरगाहों और टर्मिनलों के नेटवर्क में लगातार पूंजीगत निवेश के बावजूद हुआ है, जिनमें केरल के आगामी विजिंजम ट्रांसशिपमेंट पोर्ट और श्रीलंका के कोलंबो में एक नया टर्मिनल शामिल हैं।