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स्वामी मुरुगा शिवमूर्ति शरण।

लिंगायत मुरुगा मठ के स्वामी का संकट बढ़ा, बीजेपी भी बंटी

कर्नाटक में लिंगायत ब्राह्मणों के सबसे बड़े मठ के स्वामी मुरुगा शिवमूर्ति शरण का संकट बढ़ता जा रहा है। उन पर यौन शोषण का आरोप है। पुलिस ने मंगलवार 30 अगस्त को उन पर एससी-एसटी एक्ट और लगा दिया। कुछ मंदिरों के स्वामी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके शिवमूर्ति पर हो रही कार्रवाई की निन्दा की है। इस बीच बीजेपी इस पर बंटी हुई नजर आ रही है। कर्नाटक में पार्टी के दलित नेता मुरुगा मठ के स्वामी पर एक्शन चाहते हैं लेकिन पूर्व सीएम बी.एस. येदियुरप्पा और बीजेपी एमएलसी एच. विश्वनाथ ने स्वामी का समर्थन किया है।
कर्नाटक के 40 मठों के पुजारियों ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्वामी शिवमूर्ति मुरुगा शरण को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि स्वामी जी इस मामले से बेदाग होकर सामने आएंगे और मठ को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। 40 मठों के पुजारियों ने इस मामले में हो रही राजनीति की भी निन्दा की।

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पुलिस ने उनके और मठ के चार अन्य लोगों खिलाफ केस दर्ज किया था। इनमें महिला सहायिका भी शामिल हैं। इस मामले की एक कमेटी ने जांच की थी। उस कमेटी के सामने कुछ लड़कियों ने बयान दिया था, उसके बाद केस दर्ज किया गया। यह वही मठ और गुरु हैं, जिनके पास हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जाकर आशीर्वाद लिया था। राहुल का इस घटना से कोई संबंध नहीं है।

इस बीच बीजेपी के अंदर इस मामले में गंभीर मतभेद उभर रहे हैं। बीजेपी एमएलसी एच. विश्वनाथ ने शिवमूर्ति की फौरन गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने इस बात के लिए कर्नाटक सरकार की आलोचना की, उसने इस मामले को ठीक से हैंडल नहीं किया। बीजेपी एमएलसी विश्वनाथ ने कहा कि अगर राज्य के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र में कोई शर्म बची है, तो उन्हें इस स्वामी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करनी चाहिए। उधर, बीजेपी एमएलए थिप्पा रेड्डी ने स्वामी शिवमूर्ति से मुलाकात कर उनसे इस मामले में सहानुभूति जताई। पूर्व सीएम बी एस येदियुरप्पा ने शिवमूूर्ति शरण को निर्दोष बताया है।
स्वामी शिवमूर्ति शरण के अलावा जिन्हें यौन उत्पीड़न की एफआईआर में मजद किया गया है, उनमें रश्मि, बसावा, परमशिवाय और गंगादारियाह शामिल हैं। हॉस्टल की ज्यादातर महिला स्टाफ का नाम इस मामले में आ रहा है। महिलाओं का लगभग सारा स्टाफ ही छात्राओं को स्वामी के पास फल लेने के लिए भेजता था।
मठ की छात्राओं ने एक सिस्टर एनजीओ से शिकायत की थी कि मुरुगा मठ के छात्रावास में स्वामीजी हमारा यौन शोषण कर रहे हैं। लेडी वार्डन हमें स्वामी जी के पास फल लेने के लिए भेजती थी। छात्राओं ने आरोप लगाया कि जब वो उस स्थान पर जाती थीं, जहां स्वामीजी थे, तो वे हमें वहां आकर अजीबोगरीब हरकतें करते, हमे गालियां देते थे।
तमाम छात्राएं इससे पीड़ित थीं लेकिन वे शिकायत करने से डरती थीं। इसीलिए उन्होंने मैसूर में सिस्टर संगठन से शिकायत की है। संगठन ने छात्राओं के बयान के आधार पर जिला बाल कल्याण समिति में शिकायत दर्ज कराई। पूछताछ के दौरान छात्राओं ने समिति के समक्ष अपना अनुभव सुनाया।

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विस्तृत सुनवाई के बाद समिति ने बाल संरक्षण अधिकारी को मामला दर्ज करने का आदेश दिया। समिति के अध्यक्ष एचटी कमला के छुट्टी पर होने के कारण वरिष्ठ सदस्य धनंजय एलियुरु, सदस्य अशोक और सविता कुमारी ने जांच की थी।

समिति ने पुलिस को निर्देश दिया कि मठ स्वामी के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाए क्योंकि छात्राओं के बयानों में सच्चाई है। समिति के आदेश के अनुसार जिला बाल संरक्षण अधिकारी अरुंधति की शिकायत पर नजराबाद थाने में मामला दर्ज किया गया है। अभी इस संबंध में मठ या स्वामी शिवमूर्ति शरण की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।

लिंगायत राजनीति को प्रभावित करेगा

कर्नाटक में लिंगायत ब्राह्मणों की संख्या बहुत ज्यादा है और उन्हें काफी रसूखदार माना जाता है। अगर मठ यह बात समझाने में कामयाब रहा कि सारा मामला राजनीति प्रेरित है तो कर्नाटक के चुनाव में इसका असर पड़ना स्वाभाविक है। मठ के स्वामी ने पहली बार किसी कांग्रेसी नेता से मिलना स्वीकार किया था। राहुल गांधी जब मठ के स्वामी से मिले तो मठ ने उस कार्यक्रम का प्रचार भी बड़े पैमाने पर किया था। 
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