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सीधे यूक्रेन सीमा पर न जाएं भारतीय: विदेश मंत्रालय

युद्धग्रस्त यूक्रेन में फँसे भारतीयों के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक सलाह जारी की है। इसने कहा है कि भारतीय छात्रों को सीधे यूक्रेन की सीमा पर नहीं जाना चाहिए और यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से में सीमा के आसपास के शहरों में रुकना चाहिए। मंत्रालय ने कहा है कि उन्हें अधिकारियों के साथ समन्वय करने के बाद ही पड़ोसी पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया और मोल्दोवा में सीमा पार करने के लिए जाना चाहिए।

विदेश मंत्रालय की यह सलाह ऐसे समय में आई है जब सोशल मीडिया पर यूक्रेन में फँसे भारतीय छात्रों की पीड़ा सामने आई है। उन छात्रों को माइनस 5 डिग्री तापमान में खुले में रुकने की समस्या तो है ही भोजन और पानी की दिक्कतें भी हैं। सोने के लिए जगह नहीं है। कुछ वीडियो में शिकायत की गई है कि भारतीय छात्रों के साथ कहीं बदसलूकी गई है तो कहीं पीटा गया है। कुछ वीडियो में तो भारतीय छात्रों के अगवा किए जाने के आरोप लगाए गए हैं। फँसे हुए भारतीय छात्रों के आरोप हैं कि उन्हें मदद नहीं मिल रही है।

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इस बीच भारतीयों को यूक्रेन से निकालने का अभियान जारी है। अब तक छह विमान यूक्रेन से पड़ोस के देशों में पहुँचे लोगों को निकाला जा चुका है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आज संवाददाताओं से कहा कि रूस के हमले से पहले विदेश मंत्रालय की पहली सलाह के बाद से क़रीब 8,000 से अधिक भारतीयों ने यूक्रेन छोड़ दिया है। उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन गंगा के तहत छह निकासी उड़ानों में अब तक 1,396 छात्र भारत पहुंच चुके हैं।'

उन्होंने कहा कि अगले 24 घंटों में तीन और उड़ानों की योजना है - दो बुखारेस्ट से मुंबई और दिल्ली के लिए, और एक बुडापेस्ट से दिल्ली के लिए।

विदेश मंत्रालय ने छात्रों और उनके माता-पिता से कहा है कि वे उड़ान की उपलब्धता को लेकर घबराएं नहीं। बागची ने कहा, 'उड़ानें बाधा नहीं हैं। कृपया चिंतित न हों। एक बार जब आप यूक्रेन की सीमा पार कर लेंगे, तो हम और उड़ानें सुनिश्चित करेंगे। हमारी मुख्य चिंता यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय सुरक्षित रूप से यूक्रेन की सीमा पार कर सकें।'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि राजधानी शहर कीव में कोई कर्फ्यू नहीं है और लोगों को वहां से निकलने की अनुमति है।

उन्होंने कहा कि भारतीयों को कीव रेलवे स्टेशन जाना चाहिए जहां से वे पश्चिमी सीमा की ओर ट्रेन ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि यूक्रेनी अधिकारी कीव से मुफ्त में ट्रेनें चला रहे हैं।

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यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों व अन्य नागरिकों के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हाई लेवल बैठक बुलाई। इस बैठक में फैसला लिया गया कि चार केंद्रीय मंत्रियों को वहां फंसे भारतीयों को लाने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा जाएगा। इन मंत्रियों में हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण रिजिजू और जनरल वीके सिंह शामिल हैं।

यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह सीमा पर अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है, 'जैसा कि सक्रिय लड़ाई जारी है, हम यह भी मानते हैं कि इस समय विदेशी छात्रों के लिए यूक्रेन में अपने निवास स्थान पर रहना अधिक सुरक्षित है। हालांकि, रूसी भ्रामक सूचनाओं से गुमराह न हों। जहाँ तक विदेशी नागरिकों द्वारा राज्य की सीमा पार करने की बात है तो नस्ल या राष्ट्रीयता के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है।'

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क़मर वहीद नक़वी
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