मुंबई में बुधवार को नीट के खिलाफ आप का प्रदर्शन
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को कड़ी फटकार लगाई थी। अदालत ने एनटीए से कहा था कि अगर रत्ती भर भी कोई गलती हुई है तो उसे स्वीकार कीजिए। एनटीए ने अब शिक्षा मंत्रालय को बताया है कि पटना और गोधरा के परीक्षार्थी जांच के दायरे में हैं। कथित अनियमितताओं से लाभ उठाने के लिए, उनके अंकों के विश्लेषण के अनुसार कोई असामान्य लाभ नहीं हुआ है।
इससे पहले जब अदालत ने सुुनवाई की थी तो एनटीए ने कहा था कि 1563 उम्मीदवारों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी। NEET UG 2024 रीटेस्ट के लिए नए प्रवेश पत्र संबंधित छात्रों को सीधे उनके रजिस्टर्ड ईमेल पते के जरिए भेजे जाएंगे।
कथित नीट पेपर लीक के खिलाफ आप ने लगातार दूसरे दिन भी अपना विरोध जारी रखा। आप की मुंबई इकाई ने बुधवार को नीट धांधली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, इसे "राष्ट्रीय अपमान" बताया और नए सिरे से परीक्षा कराने की मांग की। आप कार्यकर्ता दादर में आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। यह प्रदर्शन पार्टी के राष्ट्रव्यापी आंदोलन का हिस्सा था। आप के मुंबई कार्यकारी अध्यक्ष रूबेन मास्कारेन्हास ने आरोप लगाया कि नीट "घोटाला" न केवल 24 लाख मेडिको उम्मीदवारों, बल्कि पूरे युवा भारत के भविष्य के साथ खेल रहा है। हम मांग करते हैं कि NEET परीक्षा को रद्द कर दिया जाए और नए सिरे से परीक्षा आयोजित की जाए। अदालत की निगरानी में एक स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।
शिक्षा मंत्री के घर प्रदर्शन
कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने सभी प्रदेश अध्यक्षों और विधायक दल के नेताओं समेत अन्य को लिखे पत्र में उनसे नीट मुद्दे पर 21 जून (शुक्रवार) को राज्य मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करने को कहा है। पत्र में वरिष्ठ नेताओं से भी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आग्रह किया गया है।
देशभर के छात्र संगठन नीट परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। एनएसयूआई, एसएफआई, एआईएसएफ, बीआरएसवी समेत विभिन्न छात्र संघों ने एकजुट होकर नीट में कथित अनियमितताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने इसे रद्द करने की मांग की। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई ने अन्य छात्र संघों के साथ नारायणगुडा में मार्च निकाला।
बीआरएस की छात्र शाखा भारत राष्ट्र समिति विद्यार्थी (बीआरएसवी) ने हैदराबाद में राजभवन पर एक अलग विरोध प्रदर्शन किया। एनएसयूआई और सीपीएम की छात्र शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) सहित अन्य यूनियनों के कार्यकर्ताओं ने तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर लिखा था, "नीट मुद्दे को हल करने के लिए छात्र मार्च" और "नीट" परीक्षा फिर से आयोजित की जानी चाहिए।"