अपने घर-परिवार से दूर लॉकडाउन में फँसे हुए प्रवासी मज़दूरों में से लगभग 96 प्रतिशत लोगों को सरकार की ओर से खाने-पीने की चीजें नहीं दी गई हैं। ग़ैर सरकारी संगठन स्ट्रैंडेड वर्कर्स एक्शन नेटवर्क (एसडब्लूएएन यानी ‘स्वैन’) ने 13 अप्रैल को किए गए एक सर्वे में यह पाया है।