जम्मू-कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के बाद क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर चीन से बात की है। चीन ने पाकिस्तान को समर्थन देने की बात कही है। अमेरिका ने भी भारत-पाकिस्तान से संयम बरतने को कहा है।
पहलगाम में आतंकी हमले पर पाकिस्तान ने चीन से बात की है। द हिन्दू अखबार ने रेडियो पाकिस्तान के हवाले से यह खबर देते हुए कहा है कि दोनों दोनों देशों ने अपने संबंधों को और मजबूत करने और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई है। चीन ने पाकिस्तान की इस मांग का समर्थन किया कि पहलगाम हमले की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए। हालांकि इसी बीच अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की। अमेरिका ने भारत के प्रति समर्थन भी दोहराया है।
पाकिस्तान और चीन ने रविवार को भारत के खिलाफ सुर में सुर मिलाया। इसे चीन और पाकिस्तान के बीच समझौता कहा गया। द हिन्दू अखबार की एक कि रिपोर्ट में कहा गया कि यह समझौता पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान हुआ। भारत की नीतियों का विरोध
यह घटनाक्रम बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि चीन और भारत के संबंध भी हाल तक लगातार खराब चल रहे थे।
रिपोर्ट के मुताबिक बातचीत के दौरान, विदेश मंत्री इशाक डार ने चीन के निरंतर और अटूट समर्थन की तारीफ की। उन्होंने पाकिस्तान-चीन मित्रता और सर्वकालिक रणनीतिक सहयोगी साझेदारी के साझा नजरिए के प्रति पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।
हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक डार ने ब्रिटिश विदेश सचिव डेविड लैमी से भी बात की और उन्हें क्षेत्र की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी। डार ने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए पाकिस्तान के अटूट संकल्प को दोहराया, साथ ही क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई। ब्रिटिश विदेश सचिव ने बातचीत और शांतिपूर्ण समाधान के माध्यम से स्थिति को तनावमुक्त करने के महत्व पर जोर दिया। डार ने तथ्यों का पता लगाने के लिए किसी भी स्वतंत्र और पारदर्शी जांच में भाग लेने की पाकिस्तान की तत्परता व्यक्त की।ब्रिटिश विदेश सचिव से भी बात
इस बीच, पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तराड़ ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान के पास भारत के किसी भी गलत कदम का पूरी ताकत और शक्ति के साथ प्रभावी जवाब देने की क्षमता है। तराड़ ने पहलगाम हमले के बाद भारत के साथ बन हो रही स्थिति के बारे में इस्लामाबाद में विदेशी मीडिया के प्रतिनिधियों से बात की। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान पूरी तरह तैयार है और भारत को हमारे शब्दों को हमारी कमजोरी समझने की भूल नहीं करनी चाहिए।” मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने इस घटना की स्वतंत्र जांच में शामिल होने की पेशकश की, जो दर्शाता है कि “हमारे हाथ साफ हैं”।
तराड़ ने यह भी दोहराया कि आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि उग्रवाद को पूरी तरह से समाप्त नहीं कर दिया जाता।
दोनों पक्षों ने क्षेत्र और उससे परे शांति, सुरक्षा और सतत विकास के अपने साझा उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए सभी स्तरों पर निकट संचार और समन्वय बनाए रखने पर सहमति जताई।
अमेरिका ने भारत के लिए समर्थन दोहराते हुए कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका सभी पक्षों को एक जिम्मेदार समाधान की दिशा में मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। प्रवक्ता ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि वाशिंगटन "भारत के साथ खड़ा है।" उसने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भी इसी तरह की टिप्पणियों को दोहराया। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद तनाव बढ़ने पर वह दोनों सरकारों के साथ कई स्तरों पर संपर्क में है। इस नृशंस हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक हमले की घोषणा की, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के पीछे के आतंकवादियों और साजिशकर्ताओं की पहचान करने, उन्हें ट्रैक करने और उन्हें दंडित करने की कसम खाई।अमेरिका का रुख
गौरतलब है कि मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला था। प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तय्यबा (एलईटी) के प्रॉक्सी, द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।