PM CM Bill JPC Congress RJD:विवादित पीएम सीएम बिल (संविधान 130वां संशोधन विधेयक 2025) के लिए बनी जेपीसी के बहिष्कार की मांग कांग्रेस और आरजेडी में भी शुरू हो गई है। जबकि इंडिया के कई दल पहले ही इसके बहिष्कार का ऐलान कर चुके हैं।
राहुल अगले चुनाव में बनेंगे पीएम- तेजस्वी
पीएम सीएम बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के बहिष्कार की मांग कांग्रेस और आरजेडी में भी हो रही है। केंद्र सरकार ने मानसून सत्र खत्म होने से एक दिन पहले संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 इस संबंध में लोकसभा में पेश किया था। इसके बाद बिल की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेज दिया गया। इंडिया गठबंधन के प्रमुख दल जैसे तृणमूल कांग्रेस (TMC), समाजवादी पार्टी (SP), आम आदमी पार्टी (AAP) और शिवसेना (UBT) पहले ही JPC में शामिल न होने का ऐलान कर चुके हैं।
इस विधेयक में गंभीर आपराधिक मामलों में कम से कम 30 दिनों तक हिरासत में रहने वाले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य केंद्रीय व राज्य मंत्रियों को हटाने का प्रावधान है। विधेयक को पिछले हफ्ते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में पेश किया था, जिसका विपक्ष ने तीखा विरोध किया। TMC के राज्यसभा नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने JPC को "निरर्थक" करार देते हुए इसमें शामिल न होने की घोषणा की थी। इसके बाद SP, AAP और शिवसेना (UBT) ने भी बहिष्कार का फैसला लिया।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने मीडिया को बताया कि पार्टी JPC में शामिल होने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा, "हम इस 31 सदस्यीय समिति में भाग लेने के इच्छुक नहीं हैं, जो इस विधेयक के साथ-साथ दो अन्य विधेयकों की जांच करेगी।" RJD के एक वरिष्ठ नेता ने भी कहा कि उनकी पार्टी "शायद ही JPC में शामिल गी।" हालांकि, कांग्रेस और RJD ने अभी तक इस पर आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
इस विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के अनुसार, यह संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन का प्रस्ताव करता है। विपक्ष का कहना है कि यह विधेयक लोकतंत्र और संघीय ढांचे के खिलाफ है, जबकि सरकार इसे भ्रष्टाचार और अपराधीकरण को खत्म करने के लिए जरूरी बता रही है।
विवादित विधेयक पर सीपीएम का स्टैंड
सीपीआई (एम) के एक शीर्ष नेता ने बताया कि उनकी पार्टी तब तक कोई फैसला नहीं लेगी, जब तक केंद्र सरकार उनसे समिति में शामिल होने का आग्रह नहीं करती। TMC, SP, AAP और शिवसेना (UBT) के बहिष्कार के फैसले से JPC में विपक्ष के 14 सांसदों में से छह की कमी हो जाएगी। अगर RJD भी बहिष्कार करता है, तो समिति में विपक्ष के केवल सात सदस्य रह जाएंगे।
उद्धव की शिवसेना का स्टैंड
शिवसेना (UBT) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "मोदी सरकार 130वें संविधान संशोधन को लोकतंत्र और जनता द्वारा चुनी गई सरकार को कमजोर करने के लिए ला रही है। इस बिल की जांच के लिए गठित JPC एक महज दिखावा है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट किया है कि शिवसेना ऐसी JPC में हिस्सा नहीं लेगी।"बीजेडी न इधर में, न उधर में
बीजू जनता दल (BJD) जैसे दल, जो न तो NDA के साथ हैं और न ही इंडिया गठबंधन के, ने अभी तक अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। एक BJD सांसद ने बताया कि उनकी पार्टी का फैसला अभी लंबित है। इस बीच बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक के बीमार होने से भी पार्टी कई सारे फैसले नहीं ले पा रही है। हालांकि वोट चोरी के मुद्दे का उसने समर्थन किया था।
इंडिया गठबंधन में इस मुद्दे पर एकरूपता की कमी दिख रही है, क्योंकि जहां TMC और SP ने JPC से पूरी तरह दूरी बना ली है, वहीं कांग्रेस समिति में शामिल होकर अपनी आपत्तियां दर्ज कराने के पक्ष में है। यह स्थिति विपक्ष की रणनीति में समन्वय की कमी को बताती है, जो बीजेपी को विपक्ष के खिलाफ नैरेटिव बनाने का मौका दे सकती है। जैसे-जैसे JPC की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी दल अपनी रणनीति में एकजुटता ला पाते हैं या नहीं। फिलहाल, इस मुद्दे पर इंडिया गठबंधन में मतभेद साफ नजर आ रहे हैं।