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पोल ऑफ़ द पोल्स : महाराष्ट्र, हरियाणा में बीजेपी को बड़ी बढ़त के आसार

अलग-अलग मीडिया घरानों की ओर से कराए गए एग्ज़िट पोल पर भरोसा किया जाए तो महाराष्ट्र और हरियाणा, दोनों ही राज्यों के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को बड़ी बढ़त मिलती साफ़ दिख रही है। पार्टी के चुनाव प्रचार की कमान  ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के हाथों में थी।
उन्होंने अनुच्छेद 370 में बदलाव कर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म करने के फ़ैसले का जम कर प्रचार किया और विपक्ष दलों को इसे बदलने की चुनौती दे डाली। यह दाँव काम कर गया, ऐसा लगता है। पार्टी ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ क़रार किया था और सीटों का बँटवारा किया था। दूसरी ओर कांग्रेस ने महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के साथ चुनावी समझौता किया। 
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हरियाणा में 90 सीटों पर और महाराष्ट्र में 288 सीटों पर चुनाव हुए हैं। वोटों की गिनती 24 अक्टूबर को होगी। हरियाणा में सत्तारूढ़ दल बीजेपी को कांग्रेस का सामना करना पड़ा है। आईएनलएडी और जेजेपी बिल्कुल दरकिनार हैं और राज्य की राजनीति में अहमियत खोती जा रही हैं। 

महाराष्ट्र में सियासत की बिसात पर कौन कहाँ?

पोल ऑफ़ द पोल्स के लिए हमने चार एग्ज़िट पोल को आधार बनाया। हमने टाइम्स नाउ, आजतक-एक्सिस माइ इंडिया, न्यूज़ 18 इपसॉस और एबीपी-न्यूज़ सीवोटर के एग्ज़िट पोल को आधार बनाया है और उसके आधार पर ही यह आकलन किया है कि यदि इन एग्ज़िट पोल पर भरोसा किया जाए तो महाराष्ट्र विधासनभा चुनावों के क्या नतीजे आएँगे। 
टाइम्स नाउ की ओर से कराए गए एग्ज़िट पोल पर भरोसा करें तो इस विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना को 230 सीटें मिल सकती हैं। राज्य विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। दूसरी ओर कांग्रेस को 40 सीटें मिल सकती हैं। दूसरे दल 10 सीटों पर जीत सकते हैं। 
आजतक-एक्सिस माइ इंडिया के एग्जिट पोल पर भरोसा किया जाए तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी-शिवसेना गठजोड़ को 166 से 194 सीटें मिल सकती हैं। विपक्षी कांग्रेस-एनसीपी गठजोड़ को 72 से 90 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है। आजतक-एक्सिस माइ इंडिया के एग्जिट पोल में ये नतीजे सामने आए हैं। एग्ज़िट पोल के नतीजे अभी थोड़ी देर पहले ही आए हैं। अन्य दलों को 22 से 34 सीटें मिल सकती हैं। 
न्यूज़18- IPSOS के एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में एनडीए को बड़ी जीत मिलती दिख रही है। महाराष्ट्र में बीजेपी के खाते में 141 सीटें जाती दिख रही हैं और शिवसेना को 102 सीटें मिलती दिख रही हैं।
एबीपी न्यूज़-सी वोटर के एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक़, महाराष्ट्र में एनडीए को 204, यूपीए को 69 और अन्य को 15 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। 
इस अध्ययन के अनुसार, महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना को 214 सीटें मिल सकती हैं दूसरी ओर कांग्रेस-एनसीपी को 60 सीटों पर जीत मिल सकती है। इसी तरह 14 सीटें अन्य दलों के खाते में जा सकती हैं। 
Poll of Polls : BJP surging ahead in Maharashtra, Haryana - Satya Hindi
पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह नतीजे कौई ख़ास चौंकाने वाले नहीं है। इसकी कई वजहें हैं। पर सबसे बड़ी बात यह है कि बीजेपी ने अनुच्छेद 370 में बदलाव कर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म करने का जो फैसला किया, उससे उसे फ़ायदा मिलता साफ़ दिख रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ़ इस फ़ैसले का बचाव किया, उन्होंने विपक्ष को खुले आम चुनौती दे डाली कि वे खुल कर कहें कि वे सरकार में आएँगे तो इसे बदल देंगे। 
कांग्रेस-एनसीपी की एक बड़ी नाकामी यह रही कि वे सत्तारूढ़ दल की नाकामियों को मुद्दा नहीं बना सकीं, वे एंटी इनकम्बेन्सी को लोगों के सामने नहीं ले जा सकीं। वे सत्तारूढ़ दल से उसके पाँच साल के कामकाज का हिसाब तक नहीं माँग सकीं।
नतीजा यह हुआ कि सरकार को घेरा नहीं जा सका। महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टियाँ विपक्ष से ही सवाल पूछती रहीं और विपक्ष उन्हें घेरने में नाकाम रहा। 

हाल हरियाणा का!

टाइम्स नाउ के एग्ज़िट पोल का कहना है कि हरियाणा में बीजेपी को 71, कांग्रेस को 11 और अन्य दलों को 8 सीटें मिल सकती हैं। लेकिन न्यूज़ एक्स के एग्ज़िट पोल के अनुसार बीजेपी को 77 सीटें मिल सकती हैं और कांग्रेस 11 सीटों पर सिमट सकती है। अन्य दलों को 2 सीटें ही मिल पाएँगी। सीवोटर के एग्ज़िट पोल पर भरोसा करें तो बीजेपी को 72, कांग्रेस को 8 सीटें मिल सकती हैं तो 10 सीटों पर अन्य दलों को जीत हासिल हो सकती है। न्यूज़ 18-इपसॉस का कहना है कि बीजेपी को 75 सीटें मिल सकती हैं तो कांग्रेस 10 सीटों पर संतोष करना होगा। दूसरे किसी दल को कोई सीट नहीं मिलेगी। इस अध्ययन के अनुसार हरियाणा में बीजेपी को 74 सीटें मिल सकती हैं और कांग्रेस 10 सीटों पर सिमट सकती हैं। बाकी की 6 सीटें अन्य के खाते में जा सकती हैं। 
Poll of Polls : BJP surging ahead in Maharashtra, Haryana - Satya Hindi
पर्यवेक्षकों का कहना है कि हरियाणा में विपक्ष पूरी तरह बिखरा हुआ है। वहाँ मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ही है। लेकिन कांग्रेस अपने अंदरूनी कलह से बुरी तरह घिरी रही है।
चुनाव के कुछ हफ़्ते पहले तक कांग्रेस यही तय नहीं कर पाई थी कि चुनाव में उसकी कमान कौन संभालेगा। उस समय तक राज्य पार्टी के अध्यक्ष अशोक तंवर थे, जिनका मुखर विरोध पूर्व मुख्य मंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा कर रहे थे। तंवर को पार्टी प्रमुख पद से हटा दिया गया और यह ज़िम्मेदारी पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को सौपी गई।
तंवर ने विद्रोह कर दिया और अपने समर्थकों के साथ पार्टी छोड़ गए। उन्होंने जननायक जनता पार्टी यानी जेजेपी के लिए प्रचार किया और उसके लिए वोट माँगे। इस स्थिति में कांग्रेस हरियाणा में बीजेपी के सामने कोई चुनौती ही पेश नहीं कर सकी। उसकी हार पर किसे और क्यों ताज्जुब होगा?
इन एग्ज़िट पोल्स पर भरोसा किया जाए तो कांग्रेस को चिंतित होने की ज़रूरत है। उसे आत्मचिंतन करना ही होगा। उसे यह सोचना ही होगा कि लोकसभा चुनावों के बाद भी उसकी स्थिति इतनी बुरी आख़िर क्यों है।
हरियाणा और महाराष्ट्र दोनों ही जगहों पर वह विपक्ष में है, दोनों ही जगहों पर वह लंबे समय तक सत्ता में रह चुकी है, दोनों ही जगहों पर उसके काडर नेटवर्क रहे हैं। पर वह कहीं भी बीजेपी को घेर नहीं सकी। वह उन्हें पाँच साल के कामकाज के लिए ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकी।
इसे सिर्फ़ एक उदाहरण से समझा जा सकता है। महाराष्ट्र में सूखे की स्थिति है, किसान तबाह हैं, लेकिन यह मुद्दा कांग्रेस के फ़ोकस पर नहीं था। बीजेपी ने वहाँ भी कश्मीर का मुद्दा चला दिया और कांग्रेस किसानों का मुद्दा उठा भी नहीं पाई। ऐसा कब तक चलेगा और इस तरह की कार्यशैली पर उसे जनता क्यों वोट दें, यह उसे अपने आप से पूछना होगा। 
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क़मर वहीद नक़वी
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