जब यह मामला कोर्ट में पहुँचा तो केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि विशेष श्रमिक ट्रेनों का किराया या तो उन राज्यों की सरकारें दे रहीं हैं जहाँ ट्रेनें जा रही हैं या फिर वे राज्य सरकारें दे रही हैं जहाँ से ट्रेनें खुल रही हैं।