एक दिन पहले ही रिपोर्ट आई थी कि जिन व्यक्तियों पर इस टीके का अध्ययन किया जा रहा था उनमें से एक प्रतिभागी में एक संदिग्ध गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रिया देखने को मिली। इसके बाद इस कोरोना टीके के तीसरे चरण के परीक्षण को रोक दिया गया।
ऑक्सफ़ोर्ड से बड़ी उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि जुलाई महीने में इसके पहले चरण का ट्रायल सफल रहा था। शुरुआती ट्रायल में ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित इस टीके में प्रतिरोधक क्षमता पाई गई और इसे सुरक्षित पाया गया।