एकदम विपरीत विचारधारा वाली पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाने वाली शिवसेना का आख़िरकार विचारधारा को लेकर उससे टकराव हो ही गया। महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव से पहले जब बीजेपी ने हिंदू महासभा के नेता वी. डी. सावरकर को भारत रत्न दिये जाने की बात अपने घोषणा पत्र में कही थी तो कांग्रेस ने इसका जोरदार विरोध किया था। उस समय शिवसेना बीजेपी की सहयोगी थी और उसने बीजेपी की इस माँग का समर्थन किया था। तब इसे लेकर देश भर में ख़ासा विवाद भी हुआ था। विधानसभा चुनाव के बाद सियासी समीकरण बदले और महाराष्ट्र में कांग्रेस-शिवसेना-एनसीपी की सरकार बनी। लेकिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी के एक ताज़ा बयान के बाद विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुआ यह विवाद फिर से सामने आ गया है।