ऑपरेशन सिंदूर पर सोमवार को लोकसभा में 16 घंटे की गहमागहमी वाली चर्चा होगी! विपक्ष पीएम मोदी से जवाब मांग रहा है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि पीएम मोदी शामिल हो सकते हैं। हालाँकि, संसद की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक के बाद किरेन रिजिजू ने कहा है कि 'विपक्ष की ओर से सवाल कौन करेगा, यह सरकार नहीं तय कर सकती है और सरकार की ओर से कौन जवाब देगा, यह विपक्ष तय नहीं कर सकता है'। तो फिर यही सवाल उठने लगा है कि पीएम चर्चा में भाग लेंगे या नहीं? सरकार ने विपक्ष से सहयोग मांगा है, लेकिन क्या हंगामा रुकेगा? क्या पहलगाम हमले और ट्रंप के दावों पर खुलासा हो पाएगा?

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर खुली चर्चा के लिए तैयार है और विपक्ष से संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करने की अपील की। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब विपक्ष लगातार ऑपरेशन सिंदूर और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन यानी एसआईआर पर तत्काल चर्चा की मांग कर रहा है। इस कारण संसद में पिछले चार दिनों से हंगामा और कार्यवाही में रुकावट देखने को मिल रही है।

पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर

ऑपरेशन सिंदूर भारत की ओर से 7 मई 2025 को शुरू किया गया एक सैन्य अभियान था, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब था। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमले किए, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। भारत-पाक में संघर्ष शुरू हो गया और इसी बीच अचानक से युद्धविराम की घोषणा हो गई।

विपक्ष ने पहलगाम हमले में खुफिया विफलता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर सवाल उठाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम उनकी मध्यस्थता से हुआ। भारत ने ट्रंप के इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि युद्धविराम दोनों देशों के बीच सीधे बातचीत से हुआ, जिसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था। विपक्ष इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांग रहा है।
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सरकार का रुख और चर्चा की तैयारी

किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला द्वारा बुलाई गई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक का जिक्र करते हुए कहा, 'हमने साफ़ किया है कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर पूरी चर्चा के लिए तैयार है। सोमवार, 28 जुलाई को लोकसभा में और मंगलवार, 29 जुलाई को राज्यसभा में 16-16 घंटे की चर्चा होगी।' उन्होंने बताया कि इस चर्चा में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हिस्सा लेंगे। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चर्चा में भाग ले सकते हैं। रिजिजू ने कहा कि विपक्ष ने मानसून सत्र शुरू होने से पहले ही ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर चर्चा की मांग की थी, लेकिन अब वे संसद में हंगामा करके कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं।

विपक्ष की मांग और हंगामा

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी, डीएमके और वामपंथी दलों जैसे विपक्षी दलों ने ऑपरेशन सिंदूर पर तत्काल चर्चा की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'ट्रंप का दावा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की, देश के लिए अपमानजनक है। हम इस पर सरकार से जवाब चाहते हैं।' खड़गे ने यह भी स्पष्ट किया कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता, बल्कि विस्तृत चर्चा चाहता है।

कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा,
हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री संसद में इस मुद्दे पर जवाब देंगे। पहलगाम हमले में खुफिया विफलता और ट्रंप के बयानों से भारतीय सेना की बहादुरी पर सवाल उठ रहे हैं।
गौरव गोगोई
कांग्रेस के उपनेता
गोगोई ने बिहार में मतदाता सूची के SIR पर भी चर्चा की मांग की। विपक्ष ने पिछले पाँच दिनों से संसद में हंगामा किया, जिसके कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित हुई। सोमवार को लोकसभा में चार बार और राज्यसभा में दो बार स्थगन हुआ। विपक्षी सांसदों ने प्रश्नकाल के दौरान नारे लगाए और 'लोकतंत्र बचाओ' जैसे बैनर लहराए।

स्पीकर और सरकार की अपील

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने विपक्ष से अपील की कि वे सदन को नियमों के अनुसार चलने दें। उन्होंने कहा, 'मैं सभी मुद्दों पर चर्चा की अनुमति देने को तैयार हूं, लेकिन प्रश्नकाल को बाधित न करें।' बिरला ने यह भी कहा कि संसद की गरिमा बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी विपक्ष से सहयोग की अपील की। 
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बीजेपी नेताओं का जवाब

बीजेपी सांसद शाजिया इल्मी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, 'सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए तैयार है और यह बताने को तैयार है कि कैसे आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। विपक्ष चर्चा से भाग रहा है।' बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा, 'विपक्ष चर्चा की मांग करता है, लेकिन जब सरकार तैयार है, तो वे हंगामा करते हैं। यह उनकी मंशा पर सवाल उठाता है।'

संसद में गतिरोध बना रहेगा?

सोमवार को होने वाली 16 घंटे की चर्चा में सरकार ऑपरेशन सिंदूर को अपनी सैन्य सफलता के रूप में पेश करेगी, जबकि विपक्ष खुफिया विफलता और ट्रंप के दावों पर जवाब मांगेगा। यह चर्चा मानसून सत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगी। विपक्ष ने बिहार में एसआईआर और मणिपुर की स्थिति जैसे अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की मांग की है, लेकिन सरकार ने अभी इन पर कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाई। फिर सवाल वही है कि क्या यह चर्चा संसद में गतिरोध को खत्म करेगी, या विपक्ष का विरोध और तेज होगा?