किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने वाले गैर-क़ानूनी गतिविधि रोकथाम (संशोधन) क़ानून यानी यूएपीए पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस दिया है। यह क़ानून सरकार को यह अधिकार देता है कि आतंकवादी संगठन से जुड़े होने के शक के आधार पर वह किसी भी व्यक्ति को गिरफ़्तार कर सकती है। पहले आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त सिर्फ़ संगठनों को ही आतंकवादी घोषित किया जाता था। शुक्रवार को एक जनहित याचिक पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से जवाब-तलब किया है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से यूएपीए को असंवैधानिक घोषित करने की माँग की है।