सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते हेट स्पीच (नफरती बयान) के मामलों पर चिंता जताते हुए कहा है कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष (सेकुलर) देश में मजहब के आधार पर नफरती अपराध की कोई गुंजाइश नहीं है। नफरती बयानों पर कोई समझौता नहीं हो सकता है। इसका समाधान तभी हो सकता है जब सरकार हेट स्पीच को एक समस्या के रूप में स्वीकार करे। उसने कहा कि ऐसे नफरती अपराधों से अपने नागरिक को बचाना सरकार का सबसे जरूरी फर्ज है।