Vantara Reliance Zoo Controversy: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में रिलायंस संचालित वनतारा चिड़ियाघर पर लगे आरोपों की जांच के लिए पूर्व जज जस्टिस जे चेलमेश्वर की अध्यक्षता में एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित की है। रिलायंस समूह ने कहा कि वे कोर्ट के निर्देश का पालन करेंगे।
वनतारा चिड़ियाघर जामनगर में पीएम मोदी के साथ अनंत अंबानी का फाइल फोटो
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के जामनगर में स्थित वनतारा वन्यजीव बचाव केंद्र (Vantara Wildlife Rescue Centre) के मामले में एसआईटी जांच का आदेश सोमवार को दिया है। यहां लाए गए विदेशी पशुओं को भी जांच के दायरे में शामिल किया गया है। यह SIT सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस जे. चेलमेश्वर की अध्यक्षता में कार्य करेगी।
इस एसआईटी के सदस्यों में जस्टिस राघवेंद्र चौहान (उत्तराखंड और तेलंगाना उच्च न्यायालय के पूर्व चीफ जस्टिस), हेमंत नागराले आईपीएस (पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त), अनीश गुप्ता आईआरएस (अतिरिक्त आयुक्त सीमा शुल्क) हैं। जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले की बेंच ने एडवोकेट सीआर जया सुकिन की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश सोमवार को दिया। इस मुद्दे पर याचिकाकर्ता ने केंद्र की कार्यप्रणाली पर बड़े आरोप लगाए हैं।
वनतारा एसआईटी जांच पर रिलायंस का बयान
रिलायंस के नियंत्रण वाले वनतारा ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर ने बयान जारी किया है। उसने कहा- "हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अत्यंत सम्मान के साथ स्वागत करते हैं। वनतारा पारदर्शिता, दायुलता और कानून के पूर्ण पालन के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मिशन और ध्यान जानवरों के बचाव, पुनर्वास और देखभाल पर केंद्रित है।" यह बयान एएनआई के जरिए सामने आया है। रिलायंस ने कहा- "हम विशेष जाँच दल को पूरा सहयोग देंगे और अपना काम ईमानदारी से जारी रखेंगे, हमेशा जानवरों के कल्याण को अपने सभी प्रयासों के केंद्र में रखेंगे। हम अनुरोध करते हैं कि इस प्रक्रिया को बिना किसी अटकलबाज़ी के और जिन जानवरों की हम सेवा करते हैं, उनके सर्वोत्तम हित में होने दिया जाए।" यहां बताना जरूरी है कि रिलायंस समूह के मालिक मुकेश अंबानी हैं। वनतारा का सारा काम उनके बेटे अनंत अंबानी देखते हैं। वनतारा की जब शुरुआत हुई थी तो पीएम मोदी उस मौके पर यहां आए थे।सुप्रीम कोर्ट ने वनतारा पर और क्या कहा
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि SIT को भारत और विदेशों से पशुओं, विशेष रूप से हाथियों, के अधिग्रहण की जांच करनी होगी। इसके अलावा, वन्यजीव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित शिकायतों की भी गहन जांच की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने SIT को निर्देश दिया है कि वह इन सभी आरोपों की तह तक जाए और जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका के साथ कोई सबूत नहीं दिया गया है, सिर्फ आरोप लगाए गए हैं । आमतौर पर ऐसी याचिका पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। अदालत ने कहा: "हालाँकि, इन आरोपों के मद्देनज़र अदालत अपनी तौर पर कोई जांच नहीं कर सकता क्योंकि तथ्यात्मक स्थिति की सत्यता जांचनी होगी। इसलिए एक स्वतंत्र तथ्यात्मक मूल्यांकन ज़रूरी है। इसलिए हम बेदाग़, निष्ठा और उच्च प्रतिष्ठा वाले सम्मानित व्यक्तियों के नेतृत्व में एक विशेष जाँच दल ('एसआईटी') के गठन का निर्देश देना उचित समझते हैं।" इसके बाद अदालत ने उन नामों की घोषणा कर दी, जिनका जिक्र ऊपर आ चुका है।
यह आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें वनतारा चिड़ियाघर में पशुओं के गैरकानूनी अधिग्रहण, कैद में पशुओं के साथ दुर्व्यवहार और अन्य अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि याचिका में उठाए गए आरोपों का कोई ठोस सबूत नहीं है, लेकिन फिर भी मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच ज़रूरी है।
वनतारा वन्यजीव केंद्र, जो रिलायंस फाउंडेशन द्वारा संचालित है, पर यह आरोप लगे हैं कि केंद्र ने गैरकानूनी तरीके से पशुओं को प्राप्त किया और उनके साथ उचित व्यवहार नहीं किया गया। इस मामले में पर्यावरण और पशु कल्याण से जुड़े संगठनों ने भी चिंता जताई है।
वनतारा और जियो के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़का
अगस्त महीने की शुरुआत में ही
वनतारा और रिलायंस जियो के खिलाफ लोग महाराष्ट्र के कोल्हापुर में सड़कों पर उतर आए। स्थानीय लोगों ने एक बड़ी मौन रैली निकाली। यह सब एक हथिनी महादेवी उर्फ माधुरी के लिए हुआ। महादेवी को बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर वनतारा चिड़ियाघर और पुनर्वास केंद्र में ट्रांसफर किया गया था। महादेवी को वनतारा रास नहीं आया। वो बीमार हो गई। लोगों को जब पता चला तो वो गुस्से में आ गए। क्योंकि महादेवी को कोल्हापुर में लोग बहुत मानते थे। महादेवी को वापस कोल्हापुर लाने के लिए आंदोलन छिड़ गया। मौन मार्च का नेतृत्व पूर्व सांसद और स्वाभिमानी किसान संगठन के नेता राजू शेट्टी ने किया था। आंदोलन के दौरान ही कोल्हापुर के करीब डेढ़ लाख लोगों ने अपना नंबर जियो से दूसरी कंपनी पर पोर्ट कर लिया।
वेनेजुएला की पत्रिका की रिपोर्ट
वेनेजुएला की एक पत्रिका में छपी रिपोर्ट के अनुसार मुकेश अंबानी को वेनेजुएला की सरकारी PDVSA का सबसे प्रमुख ग्राहक होने का एक अनोखा बोनस मिलता है। यह बोनस है वेनेजुएला से हजारों जानवरों का उनके जामनगर वाले चिड़ियाघर भेजा जाना। हालाँकि पिछले दिनों आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार यह पता चला था कि वनतारा भारत की सरकार के अधीन किसी भी चिड़ियाघर का नाम नहीं है। इस रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि मुकेश अंबानी और वेनेजुएला के बीच यह व्यापार प्राइवेट संस्थाओं के माध्यम से होता है, जिसे दोनों देशों के बीच हुए एक समझौते का संरक्षण मिला हुआ है। इस समझौते को वेनेजुएला के इकोसिस्टम मंत्रालय की स्वीकृति भी मिली हुई है।
वनतारा पर जर्मन पत्रिका की रिपोर्ट
जर्मन पत्रिका सूडॉयचे ज़ाइटुंग की एक खोजी रिपोर्ट ने वनतारा के पीछे की मंशा और इसके संचालन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। यह रिपोर्ट दावा करती है कि गुजरात के जामनगर में स्थित यह 3,000 एकड़ का विशाल केंद्र, जो 39,000 से अधिक जानवरों का घर है, संरक्षण के नाम पर वन्यजीवों के व्यापार से जुड़ा हो सकता है। सूडॉयचे ज़ाइटुंग के अनुसार,
वनतारा में मौजूद कई जानवर, जैसे शेर, चीते, जगुआर और विदेशी प्रजातियाँ, जंगल से पकड़े गए हो सकते हैं। इनमें से कुछ को कथित तौर पर अंतरराष्ट्रीय जानवर व्यापारियों के जरिए लाया गया है, जो संरक्षण के दावों को संदिग्ध बनाता है। इस पूरी रिपोर्ट को सत्य हिन्दी पर पढ़िए।