विवेक अग्निहोत्री ने 31 अगस्त, 2020 को यह वीडियो शेयर किया था। द क्विंट के मुताबिक़, उसके बाद ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा। एक फ़ेसबुक यूजर ने भी इसे शेयर किया।
बाइडेन के अप्रैल, 2020 के एक वीडियो को एडिट करके हैरी के वीडियो के साथ मिला दिया गया। हैरी एक इंटरव्यू के दौरान सो रहे थे। जबकि एक दूसरे वीडियो में बाइडेन हिलेरी क्लिंटन के साथ बातचीत के दौरान नीचे की ओर देख रहे थे। बड़े शातिर तरीके से दोनों वीडियो का घालमेल करके यह दिखाया गया कि बाइडेन सोते हुए पकड़े गए।
यहां याद दिलाना ज़रूरी होगा कि अमेरिका में चुनाव प्रचार के दौरान भारत में दक्षिणपंथी तबक़े ने ट्रंप के समर्थन में सोशल मीडिया पर जबरदस्त माहौल बना दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस वीडियो को ख़ूब शेयर किया जाता था, जिसमें वह अबकी बार ट्रंप सरकार का नारा लगाते हैं। विवेक अग्निहोत्री और उनके फ़ॉलोवर्स ने बाइडेन का फर्जी वीडियो शेयर कर जमकर मजाक उड़ाया। लेकिन अब जब चोरी पकड़ी गई तो ट्विटर ने कहा कि यह वीडियो डॉक्टर्ड था यानी इससे छेड़छाड़ की गई है। इसके बाद अग्निहोत्री ने वीडियो डिलीट कर दिया।
किसान आंदोलन में भी यही हरक़त
इसी तरह की हरक़त खालिस्तान आंदोलन के दौरान भी की गई। बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय सोशल मीडिया इंचार्ज प्रीति गांधी ने एक वीडियो ट्वीट किया। इस वीडियो में बताया गया कि एक शख़्स पाकिस्तान और खालिस्तान के समर्थन में नारेबाज़ी कर रहा है और उसके आसपास खड़े लोगों ने पाकिस्तान और खालिस्तान के झंडे पकड़े हुए हैं। अंत में यह शख़्स मोदी सरकार हाय-हाय के नारे लगाता सुनाई देता है।
गांधी ने पूछा कि क्या ये वास्तव में किसान हैं। जैसे ही पता चला कि इस वीडियो का किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है, गांधी की अच्छी-खासी फजीहत हुई और उन्होंने इसे हटा लिया।
सोशल मीडिया पर होने वाले फर्जीवाड़े का खुलासा करने के लिए पहचानी जाने वाली ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो की पड़ताल की तो पता चला कि ये वीडियो किसी पुराने वीडियो को एडिट करके बनाया गया है।
लेकिन जैसा ऊपर लिखा गया है कि ये लोग आए दिन फर्जी वीडियोज़ को शेयर करते रहते हैं और पकड़े जाने के बाद फिर इसी काम में जुट जाते हैं। ऐसे में लगता यही है कि तुरंत ये लोग फिर कोई ऐसा वीडियो शेयर कर देंगे जो हक़ीक़त से कोसों दूर होगा और ऐसा करके और झूठ फैलाएंगे।