loader

अडानीः SBI के 21,000 करोड़ और पीएनबी के 7,000 करोड़ लोन पर संकट?

अडानी समूह पर जिस तरह का आर्थिक खतरा मंडरा रहा है, उसे देखते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के लोन पर संकट आ सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक एसबीआई ने अडानी समूह की फर्मों को 21,000 करोड़ रुपये (2.6 बिलियन डॉलर) का लोन दे रखा है। ब्लूमबर्ग ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि यह नियमों के तहत स्वीकृत राशि का आधा है।
इस बीच पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के सीईओ ने कहा है कि पीएनबी का अडानी समूह में कुल 7,000 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है, लेकिन वर्तमान में उन खातों से संबंधित कोई चिंता की बात नहीं है। पीएनबी के सीईओ अतुल कुमार गोयल ने कंपनी के तिमाही नतीजों के बाद एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से कहा, "7,000 करोड़ रुपये में से करीब 2,500 करोड़ रुपये अडानी के हवाई अड्डे के कारोबार से संबंधित हैं। हालांकि, हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट के मद्देनजर अडानी समूह पर "नजदीक से नजर" रख जा रही है।
ताजा ख़बरें
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि एसबीआई के एक्सपोजर में इसकी विदेशी इकाइयों से 200 मिलियन डॉलर शामिल हैं। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने गुरुवार को कहा था कि अडानी समूह की कंपनियां कर्ज चुका रही हैं और बैंक ने अब तक जो कुछ भी उधार दिया है, उसमें उन्हें कोई "तत्काल संकट" नहीं दिख रहा है। गुरुवार को बीएसई पर एसबीआई का शेयर 527.75 रुपये पर लगभग सपाट कारोबार कर रहा था।

अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की एक गंभीर रिपोर्ट के कारण अडानी समूह की फर्मों के शेयरों ने पिछले सप्ताह में $100 बिलियन से अधिक का नुकसान उठाया है।

इससे पहले गुरुवार को, रॉयटर्स ने कहा था कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सरकारी बैंकों से अडानी समूह की कंपनियों को दिए गए लोन का विवरण मांगा था। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि आरबीआई द्वारा मांगी जा रही जानकारी में लोन वापस करने के लिए किसी भी अप्रत्यक्ष जोखिम का विवरण भी शामिल है। एसबीआई चेयरमैन ने पिछले हफ्ते रॉयटर्स को बताया था कि अडानी के जोखिम के बारे में कुछ भी चिंताजनक नहीं है और हमें अब तक कोई चिंता नहीं है।

हिंडनबर्ग ने कहा कि अडानी समूह एक स्टॉक में खुलेआम हेरफेर करने और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल था। हिंडनबर्ग ने कहा कि अडानी समूह भारत को व्यवस्थित तरीके से लूट रहा है। हिंडनबर्ग रिसर्च के इस आरोप पर अडानी समूह ने कहा है कि दुर्भावनापूर्ण, निराधार, एकतरफा और उनके शेयर बिक्री को बर्बाद करने के इरादे ऐसा आरोप लगाया गया है। इसने कहा है कि अडानी समूह आईपीओ की तरह ही फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफ़र यानी एफ़पीओ ला रहा है और इस वजह से एक साज़िश के तहत कंपनी को बदनाम किया जा रहा है। 

हालांकि बाद में अडानी ने वो एफपीओ भी वापस ले लिया। अडानी के शेयर उसके बाद लगातार गिर रहे हैं। कई शेयर में लोअर सर्किट लग चुका है। अभी तक समूह को कई अरब रुपये का नुकसान हो चुका है। गौतम अडानी अमीरों की सूची में लगातार लुढ़कते जा रहे हैं। 

अर्थतंत्र से और खबरें
अडानी समूह के शेयर शुक्रवार को भी डूबते रहे। समूह की तीन कंपनियों की बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निगरानी कर रहे हैं। अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज डाउ जोंस ने कहा है कि वो 7 फरवरी को अपने इंडेक्स से अडानी समूह की कंपनियों को हटा देगा। भारतीय संसद में भी विपक्षी दल इस मामले को उठा रहे हैं। उन्होंने अडानी पर सवाल उठाने और बहस के लिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का नोटिस दिया था लेकिन सरकार ने चर्चा की अनुमति नहीं दी। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें