वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर किसानों का पेट वादों की ख़ालिस इकोनॉमिक्स से भर दिया है। अर्थव्यवस्था के हालात को देखते हुए सभी को उम्मीद थी कि ग्रामीण इलाकों में माँग पैदा करने के लिए ही सही, सरकार कुछ ऐसे फ़ैसले लेगी जिससे अर्थव्यवस्था के साथ-साथ किसानों की स्थिति में भी सुधार आएगा।