देश की अर्थव्यवस्था की हालत तो ख़राब है ही, इसमें भी कृषि की हालत ज़्यादा ही बदतर है। देश का निर्यात लगातार घट रहा है। दूसरे सामान को छोड़िये खेती-किसानी के निर्यात की भी ऐसी ही स्थिति है। देश से चावल का निर्यात काफ़ी गिरा है यानी दूसरे देशों में भारत के चावल की माँग कम हो गई है। इस साल की शुरुआत में चावल के निर्यात में क़रीब तीस फ़ीसदी की गिरावट रही है। क्या यह सरकार की ग़लत नीतियों का नतीजा नहीं है?