डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका को फिर से महान बनाने चले थे लेकिन अमेरिका की ही एक प्रतिष्ठित एजेंसी ने देश की हालत बदतर बता दी है। मूडीज नाम की एक बड़ी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने हाल ही में अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग को 'AAA' से घटाकर 'AA1' कर दिया। रेटिंग घटाने का मतलब है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत ठीक नहीं है और निवेशकों के लिए यह सचेत होने का समय है। यह ख़बर इसलिए अहम है क्योंकि अमेरिका को दुनिया की सबसे मज़बूत अर्थव्यवस्था माना जाता है। इस डाउनग्रेड से कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत कैसी है और मूडीज ने यह क़दम क्यों उठाया। मूडीज द्वारा डाउनग्रेड किए जाने के पीछे कई बड़ी वजहें हैं।

बढ़ता हुआ क़र्ज

मूडीज के अनुसार, अमेरिका का क़र्ज बहुत ज़्यादा हो गया है, जो क़रीब 36 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच चुका है। यह अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का लगभग 120% है यानी यह देश की कुल कमाई यानी जीडीपी से भी ज़्यादा है। मूडीज का अनुमान है कि यदि वर्तमान नीतियाँ और ख़र्च का पैटर्न जारी रहा तो 2035 तक यह कर्ज जीडीपी के 134% तक पहुंच सकता है। इस बढ़ते क़र्ज के कारण अमेरिका की ऋण चुकाने की क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं। इतना क़र्ज होने की वजह से मूडीज को लगता है कि अमेरिका के लिए इसे चुकाना मुश्किल हो सकता है।