अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के आने के बाद क्या जम्मू कश्मीर में आतंकवाद बढ़ गया है? इस सवाल का जवाब हाल की घटनाओं में ढूंढा जा सकता है।
अफ़ग़ान में तालिबान के आने से जम्मू कश्मीर में आतंकवाद बढ़ गया?
- जम्मू-कश्मीर
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- 7 Sep, 2021
कुछ रिपोर्टें हैं कि जम्मू कश्मीर में हाल में आतंकवादी गतिविधियाँ बढ़ गई हैं? क्या यह सब अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्जे का असर है? क्या तालिबान और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी में गहरे संबंधों का नतीजा है?

जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में हाल में क्या बदलाव आए हैं, इससे पहले यह जान लें कि इससे जुड़े दूसरे घटनाक्रम कैसे चले हैं। तालिबान ने हाल ही एक साक्षात्कार में खुलेआम बयान दिया है कि कश्मीर के मुसलमानों के लिए आवाज़ उठाने का हक़ है, जबकि तालिबान ने ही पहले कहा था कि वह जम्मू कश्मीर मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा। एक अन्य घटनाक्रम में भारत में आतंकवादियों को घुसपैठ करने के लिए ज़िम्मेदार मानी जाने वाली पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के प्रमुख काबुल पहुँचे। तालिबान के सरकार गठन में आईएसआई की भूमिका की रिपोर्टें आई हैं। आईएसआई का जिस आतंकवादी संगठन अल क़ायदा से संबंध बताया जाता रहा है उसने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद एक बड़ा बयान दिया है। उसने जम्मू-कश्मीर में 'जिहाद करने', कश्मीर को 'आज़ाद कराने' और वहाँ 'इसलाम के दुश्मनों' का सफ़ाया करने की बात कही थी।