झारखंड में केंद्रीय छात्रवृत्ति योजना में 'बड़ा घोटाला' उजागर हुआ है और इस पर राज्य के मुख्यमंत्री ने जाँच के आदेश भी दे दिए हैं। रुपये के घपले जिस तरह से किए गए हैं वे चौंकाने वाले हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफ़िट ट्रांसफ़र से गड़बड़ी की गई। डीबीटी के लिए आधार आईडी, फ़िंगरप्रिंट, बैंक खातों और ऑनलाइन डेटाबेस ज़रूरी होता है। यानी तकनीकी रूप से इतनी निगरानी होने के बाद भी गड़बड़ियाँ हुईं। 3 कमरों का स्कूल, 80 नामांकन और 323 को छात्रवृत्ति। गड़बड़ी करने के लिए आदिवासी को बताया पारसी और महिला को बताया कि सऊदी अरब से दान का पैसा आया है। उम्रदराज महिला एवं पुरुषों को 7वीं-8वीं का छात्र बताकर छात्रवृत्ति दी गई। 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने इस 'घोटाले' पर रिपोर्ट छापी है।
झारखंड में छात्रवृत्ति 'घोटाला', सीएम बोले- जाँच शुरू
- झारखंड
- |
- 2 Nov, 2020
झारखंड में केंद्रीय छात्रवृत्ति योजना में 'बड़ा घोटाला' उजागर हुआ है और इस पर राज्य के मुख्यमंत्री ने जाँच के आदेश भी दे दिए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक़, 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने पिछले महीने 6 ज़िलों में 15 स्कूलों के रिकॉर्ड खंगाले, 30 से अधिक छात्रों, अभिभावकों और स्कूल अधिकारियों से इस संबंध में बात की।
इस मामले के उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसके लिए पिछली बीजेपी सरकार की आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'यह शर्मनाक है कि पिछली बीजेपी सरकार, इसका नेतृत्व और तत्कालीन कल्याण मंत्री डॉ. लुईस मरांडी ने हाशिए पर धकेले गए समुदायों के छात्रों की छात्रवृत्ति में गड़बड़ी को रोकने के लिए एक भी क़दम नहीं उठाया। जाँच चल रही है और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।'