झारखंड में केंद्रीय छात्रवृत्ति योजना में 'बड़ा घोटाला' उजागर हुआ है और इस पर राज्य के मुख्यमंत्री ने जाँच के आदेश भी दे दिए हैं। रुपये के घपले जिस तरह से किए गए हैं वे चौंकाने वाले हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफ़िट ट्रांसफ़र से गड़बड़ी की गई। डीबीटी के लिए आधार आईडी, फ़िंगरप्रिंट, बैंक खातों और ऑनलाइन डेटाबेस ज़रूरी होता है। यानी तकनीकी रूप से इतनी निगरानी होने के बाद भी गड़बड़ियाँ हुईं। 3 कमरों का स्कूल, 80 नामांकन और 323 को छात्रवृत्ति। गड़बड़ी करने के लिए आदिवासी को बताया पारसी और महिला को बताया कि सऊदी अरब से दान का पैसा आया है। उम्रदराज महिला एवं पुरुषों को 7वीं-8वीं का छात्र बताकर छात्रवृत्ति दी गई। 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने इस 'घोटाले' पर रिपोर्ट छापी है।