मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग ने अपनी ही मंत्री संपतिया उइके के खिलाफ जल जीवन मिशन के केंद्रीय फंड में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। यह कार्रवाई पूर्व विधायक किशोर समरीते की शिकायत के बाद की गई है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि जल जीवन मिशन के तहत भारत सरकार द्वारा दिए गए 30 हजार करोड़ रुपये का दुरुपयोग मंत्रियों, अधिकारियों और ठेकेदारों द्वारा किया गया है। इसकी सूचना प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक पहुंची तो वहां से भी सात दिनों में एमपी सरकार से सारी सूचना मांगी गई है। हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव की नाक के नीचे यह सब हो रहा है और उन्होंने चुप्पी साध ली है।